Book Title: Purusharth Siddhi Upay
Author(s): Amrutchandracharya, Vishuddhsagar
Publisher: Vishuddhsagar

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Page 582
________________ पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमृत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 582 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 परिशिष्ट पुरूषार्थ सिद्धयुपाय ग्रंथ के विवेचन में मुनिश्री ने अनेक ग्रंथों का आलम्बन लिया है, जिन्हें 'पुरुषार्थ देशना' में सम्मिलित किया गया हैं ऐसी कारिकाओं के समक्ष यथा संभव उन ग्रंथों का नाम लघुशब्द संकेतों में दिया गया है, जो कि निम्नानुसार है:ग्रंथ का नाम लघु संकेत ग्रंथकर्ता का नाम 1. कार्तिकेयानुप्रेक्षा (का. आ.) कार्तिकेय स्वामी 2. आत्मानुशासन (आ.शा.) आचार्य गुणभद्र स्वामी 3. समयसार टीका,आत्मख्याति (स.सा. टीका) अमृतचंद्राचार्य 4. बारह भावना (बा. भा.) भूधरदासजी 5. समाधि शतक आचार्य पूज्यपाद स्वामी 6. मूलाचार्य आचार्य कुंदकुंद स्वामी 7. गोम्मट्सार (जीवकांड) (गो.जी.का) आचार्य नेमिचंद्र 8. गोम्मट्सार (कर्म कांड) (गो.क.का) आचार्य नेमिचंद्र (स.श.) कुंदकुंद आचार्य 9. भाव पाहुड़ 10. वीरभक्ति 11. इष्टोपदेश 12. द्वात्रिशतिका सा.पा. 13. क्षत्रचूडामणि 14. सुभाषित रत्नावलि 15. स्वयंभू स्तोत्र 16. वृहद्रव्यसंग्रह (भा. पा.) (वी.भ.) (इष्टो) (द्वा.सा.पा.) (क्ष.चू.) (सु.र.) (स्व.स्तो.) (वृ.द्र.सं.) आ. पूज्यपाद स्वामी अमितगति आचार्य वादीभसिंह सकलकीर्ति आचार्य समंतभत्राचार्य नेमिचन्द्राचार्य Visit us at http://www.vishuddhasagar.com Copy and All rights reserved by www.vishuddhasagar.com For more info please contact : akshayakumar_jain@yahoo.com or pkjainwater@yahoo.com

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