________________ सेठियाजैनप्रन्यमाला गर्म किया हुमा दूध भी दस घड़ी के बाद विगड़ जाता है। जैन भल्याभक्ष्य के निर्णय करने वाले भी कहते हैं कि कच्चा दूध दो कड़ी के बाद और गर्म किया हुआ दूध भी सात घंटे के बाद अभ. चय हो जाता है / अनुभव करने से भी यह बात ठीक ऊँचती है कि सात घंटे के बाद दूध अवश्य खट्टा हो जाता है, इसलिए दुहुने के पीछे या वगर्म करने के पीछे बहुत देर तक नहीं पड़ा रखना चाहिये। 51 यदि भोजन के साथ दूध खाना हो तो भोजन के सब पदार्थ खाकर पीछे से दूध खाना चाहिये, हां यदि भोजन में दूध के विरोधी खटाई मिर्च तेल पापड़ और गुड़ आदि पदार्थ न हों तो भोजन के साथ ही में दूध को भी खा लेना चाहिये / क्योंकि दूध में छह रस हैं, इसलिए इन छहों रसों के समान स्वभाव वाले (दूध के छहों रसों के तुल्य स्वभाव वाले) पदार्थ दूध के अनुकूल अर्थात् मित्रवत् होते हैं। देखिये ! दूध में खट्टा रस होता है, उस खट्टे रस का मित्र आँवला है / दूध में मीठा रस होता है, उस मीठे रस का मित्र बूरा या मिश्री है / दूध में कड़वा रस होता है, उसका मित्र परवल है / दूध में तीखा रस होता है, उस का मित्र सोंठ तथा अदरख है। दूध में कसैला रस होता है, उसका मित्र हरड़ है / दूध में खार। रस है, उसका मित्र सेंधा नमक है / इन के सिवा गेहूं के पदार्थ पूरी रोटी प्रादि, चावल, घी, दाल, मीठे आम के फल, पीपल, काली मिर्च तथा पाकों में काम आने वाली सब चीजें, पुष्टि और दीपन के