________________ नीति-शिक्षा-संग्रह क्योंकि वह सर्दी और आम उत्पन्न करता है / भेड़ का दूध औटाकर गर्मागर्म पीना उचित है। बकरी का दूध औटाकर और फिर ठण्डा करके पीना योग्य है। गर्म किया हुमा दूध वायु और कफ़ की प्रकृति वाले को सुहाता हुआ गर्म पीने से फायदा करता है। भधिक गर्म दूध का पीना पित्त प्रकृतिवाले को हानि पहुँचाता है। यदि कच्चा दूध आधा पानी मिलाकर प्रौटाया जाय और जब पानी जल कर दूधमात्र रह जाय, तब वह दूध कच्चे धारोष्ण दूध से भी अधिक हल्का हो जाता है / यह दूध छोटे छोटे बच्चों, बीमारों और कमज़ोरों तथा मन्द पाचन शक्ति वालों को फायदेमन्द होता है। भौटाने से बहुत गाढ़ा हुआ दूध भारी तथा शक्तिप्रद हो जाता है, वह दूध बच्चों, बीमारों तथा मन्दपाचन शक्ति वालों को नहीं पीना चाहिये लेकिन पूरी पाचन शक्ति वालों, और कसरती जवानों को बहुत फायदेमन्द है। ____50 जिस दूध का रंग और स्वाद बदल गया हो, खट्टा पड़ गया हो, दुर्गन्ध माने लग गई हो और उस के ऊपर फेनसा बैंध गया हो तो उस दूध को खराब हुमा समझ लेना चाहिये। ऐसा दूध कभी नहीं पीना चाहिये क्योंकि ऐसा दूध हानिकारक होता है। दुहने के बाद दो घड़ी अन्दर अन्दर दूध गर्म कर - लेना चाहिये; यदि पांच घड़ी तक कच्चा ही पड़ा रहे, और पीछे खाया पिया जावे, तो वह अवश्य विकार करता है।