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उत्तर : ५ इन्द्रियादि द्रव्य प्राणों को धारण करने वाला द्रव्य जीव कहलाता
८) भाव जीव किसे कहते है ? उत्तर : सम्यग्दर्शन-ज्ञानादि भाव प्राणों को धारण करनेवाला भावजीव कहलाता
९) प्राण किसे कहते हैं ? उत्तर : "प्राणिति जीवति अननेति प्राणः" अर्थात् जिसके द्वारा जीव में जीवत्व
है, इसकी प्रतीति होती है, वह प्राण कहलाता है। १०) अजीव किसे कहते है ? उत्तर : जीव से विपरीत लक्षण वाला अजीव कहलाता है। जो चैतन्य लक्षण
रहित जड स्वभावी हो, सुख-दुःख का अनुभव न करे, प्राणों को धारण
न करे, वह अजीव कहलाता है। ११) अजीव के कितने प्रकार हैं एवं कौन-कौन से हैं ? उत्तर : अजीव के दो प्रकार हैं - (१) द्रव्य अजीव, (२) भाव अजीव । १२) द्रव्य अजीव किसे कहते हैं ? उत्तर : जो अजीव अपनी मुख्य क्रिया में प्रवर्तन न करता हो, वह द्रव्य अजीव .. कहलाता है। १३) भाव अजीव किसे कहते हैं ? उत्तर : जो अजीव अपनी मुख्य क्रिया में प्रवर्तन कर रहा हो, वह भाव अजीव
कहलाता है। १४) पुण्य किसे कहते है ? उत्तर : जो आत्मा को पवित्र करें, जिसकी शुभ प्रकृति हो, जिसके द्वारा
आमोद-प्रमोद, ऐश-आराम, सुख-साधनों की बहुलता प्राप्त हो, जिसके
द्वारा जीव सुख का भोग करे, उसे पुण्य कहते हैं। १५) पुण्य के कितने व कौनसे प्रकार है ? उत्तर : पुण्य के २ प्रकार है - १. पुण्यानुबंधी पुण्य, २. पापानुबंधी पुण्य । १६) पुण्यानुबंधी पुण्य किसे कहते है ? उत्तर : जिस पुण्य को भोगते हुए नया पुण्य बंधे, उसे पुण्यानुबंधी पुण्य कहते १६६
श्री नवतत्त्व प्रकरण