Book Title: Navtattva Prakaran Author(s): Nilanjanashreeji Publisher: Ratanmalashree Prakashan View full book textPage 1
________________ वावाप्रकरण जीव अजीव पुण्य 의의 मुसाफिर शरीर अनुकूल पवन पाप आश्रव संवर प्रतिकूल पवन नाव में छिद्र छिद्र बंध करना निर्जरा बंध मोक्ष किनारा पानी बाहर निकालना जीव से कर्म का संबंध सकल कर्म क्षय साध्वी डॉ. नीलांजनाश्रीPage Navigation
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