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है । जैसे मेघकुमार। १७) पापानुबंधी पुण्य किसे कहते है ? उत्तर : जिस पुण्य को भोगते हुए पाप का अनुबंध हो, उसे पापानुबंधी पुण्य
कहते है । जैसे मम्मण सेठ । १८) पुण्य के अन्य दो प्रकार कौन - से हैं ? उत्तर : पुण्य के अन्य दो प्रकार हैं - (१) द्रव्य पुण्य, (२) भाव पुण्य । १९) द्रव्य पुण्य किसे कहते है ? उत्तर : जीव को सुख भोगने में कारण रूप जो शुभकर्म पुद्गल हैं, उसे द्रव्य
पुण्य कहते है। २०) भाव पुण्य किसे कहते है ? उत्तर : शुभ कर्म को बांधने में कारण रूप जीव के जो शुभ अध्यवसाय हैं,
उसे भाव पुण्य कहते है। २१) पुण्य के ७ प्रकार कौन-से हैं ? उत्तर : पुण्य के ७ प्रकार निम्नोक्त हैं -
अन्न पुण्य - भूखे को भोजन देना। पान पुण्य - प्यासे की प्यास बुझाना । शयन पुण्य - थके हुए निराश्रित प्राणियों को आश्रय देना। लयन पुण्य - पाट-पाटला आदि आसन देना । .. वस्त्र पुण्य - वस्त्रादि देकर सर्दी-गर्मी से रक्षण करना । मन पुण्य - हृदय से सभी प्राणियों के प्रति सुख की भावना । वचन पुण्य - निर्दोष-मधुर शब्दों से अन्य को सुख पहुँचाना । काय पुण्य - शरीर से सेवा-वैयावच्चादि करना ।
नमस्कार पुण्य - नम्रतायुक्त व्यवहार करना। २२) पाप किसे कहते है ? उत्तर : पुण्य से विपरीत स्वभाव वाला, जिसके द्वारा अशुभ कर्मों का ग्रहण
हो, जिसके द्वारा जीव को दुःख, कष्ट तथा अशांति मिले, उसे पाप
कहते है। ------------------ श्री नवतत्त्व प्रकरण
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