Book Title: Navtattva Prakaran
Author(s): Nilanjanashreeji
Publisher: Ratanmalashree Prakashan

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Page 389
________________ १३३५) पांच समय तक मोक्ष में जाय तो कितने ? उत्तर : ६१ से ७२ तक की कोई भी संख्या वाले जा सकते हैं । फिर अवश्य विरह होता है । १३३६) छह समय तक मोक्ष में जाय तो कितने ? उत्तर : ४९ से ६० तक की कोई भी संख्यावाले जा सकते हैं । फिर अवश्य अंतर पड़ता है । १३३७) सात समय तक मोक्ष में जाय तो कितने ? उत्तर : ३३ से ४८ तक की संख्या में से कोई भी संख्यावाले जा सकते हैं । फिर अवश्य अंतर पड़ता है 1 १३३८) आठ समय तक मोक्ष में जाय तो कितने ? उत्तर : १ से ३२ तक की संख्या में से कोई भी संख्यावाले मोक्ष जा सकते हैं। फिर अवश्य अंतर पड़ता है । १३३९) एक निगोद में कितने जीव होते हैं ? उत्तर : एक निगोद में अनंत जीव होते हैं । (१) संज्ञी मनुष्य संख्याता, (२) असंज्ञी मनुष्य असंख्याता, (३) नारकी असंख्याता, (४) देवता असंख्याता, (५) पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च असंख्याता, (६) बेइन्द्रिय जीव असंख्याता, (७) तेइन्द्रिय जीव असंख्याता, (८) चउरिन्द्रिय जीव असंख्याता, (९) पृथ्वीकाय असंख्याता, (१०) अप्काय असंख्याता, (११) तेउकाय असंख्याता, (१२) वायुकाय असंख्याता, (१३) प्रत्येक वनस्पतिकाय असंख्याता । इन समस्त जीवों को इकट्ठा कर जोडने पर उससे भी सिद्ध के जीव अनंतगुणा है। सुई के अग्रभाग पर रहे हुए छोटे से छोटे कण में उससे भी अनंतगुणा अधिक जीव है । यह विचारणा बादर निगोद जीवों की अपेक्षा से है । १३४०) जगत् में निगोद के गोले कितने हैं ? उत्तर : निगोद के असंख्य गोले है। एक-एक गोले में असंख्य निगोद है तथा एक - एक निगोद में अनन्त - अनन्त जीव है । १३४१) अब तक मोक्ष में कितने जीव गये हैं ? ३८६ श्री नवतत्त्व प्रकरण

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