Book Title: Navtattva Prakaran
Author(s): Nilanjanashreeji
Publisher: Ratanmalashree Prakashan

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Page 390
________________ निगोद से मोक्षपर्यंत आत्मा का विकासक्रम ४ .एसबल भधात्माप ाल परावर्तकाल व लापता थी जिराफ गेर सर्त = पुद्गल परावर्तकाल मपस्सिर्प अजगर पच्चीका मनुष्य अपवाय तिर्यग प्राणी मनुच राजा पासा चन्द्रिय वनस्पति तिच माखी-मच्छर पाय. जषकदेव बिल्लि नरक कर्मविनक देवलोक जलचर चिता गाय पोडो परगत पाणी पची जलचर .. पापामा देवलोक सर्प सनिक देषलाक न्याय व मालिन नीति पलापानी पंद्रिय आदि ५ गुण सिंह मनुष्य उपाय सोनियतुहली अनार्य मनुष मनच्छ 449 ALA AAS वाण बनस्पतितिर परि सर्प मिधात नेवला andane एकनिय IMAAN पपुद्गल परावर्त काल परोवल परावर्तकाल पाक्षिक अपूर्वकरण श्री नवतत्त्व प्रकरण ३८७

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