Book Title: Navtattva Prakaran
Author(s): Nilanjanashreeji
Publisher: Ratanmalashree Prakashan

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Page 387
________________ १३१२) अन्य लिंग में एक समय में कितने एकसाथ सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : दस । १३१३) स्वलिंग में एक समय में कितने एकसाथ सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : १०८ । १३१४) उत्कृष्ट अवगाहना से युगपत् एक समय में कितने सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : दो । १३१५) जघन्य अवगाहना से युगपत् एक समय में कितने सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : चार । १३१६) मध्यम अवगाहना से युगपत् एक समय में कितने सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : १०८ । १३१७) उर्ध्वलोक में (मेरुचूलिका आदि पर) कितने युगपत् सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : चार । १३१८) तिर्यग्लोक से एक समय में कितने युगपत् कितने सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : १०८ । १३१९) समुद्र में एक समय में कितने युगपत् सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : दो । १३२० ) नदी जलाशय में एक समय में युगपत् कितने सिद्ध हो सकते हैं ? उत्तर : तीन । १३२१) महाविदेह क्षेत्र की प्रत्येक विजय में से युगपत् कितने मोक्ष जा सकते हैं ? उत्तर : प्रति विजय में से युगपत् बीस । १३२२) नंदनवन से युगपत् कितने मोक्ष जा सकते हैं ? उत्तर : युगपत् चार । १३२३) पांडुकवन में से युगपत् कितने मोक्ष जा सकते हैं ? उत्तर : युगपत् दो । १३२४) प्रति कर्मभूमि में से युगपत् कितने मोक्ष जा सकते हैं ? उत्तर : युगपत् १०८ । ३८४ श्री नवतत्त्व प्रकरण

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