Book Title: Navtattva Prakaran
Author(s): Nilanjanashreeji
Publisher: Ratanmalashree Prakashan

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Page 385
________________ १२८९) नपुंसकलिंग सिद्ध किसे कहते हैं ? - उत्तर : जो नपुंसक (कृत्रिम) शरीर से मोक्ष में जाये, वह नपुंसकलिंग सिद्ध कहलाता है। १२९०) प्रत्येकबुद्ध सिद्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : जो बिना किसी उपदेश के किसी भी पदार्थ की अनित्यता से प्रेरित होकर कर्ममुक्त बने, वह प्रत्येकबुद्ध सिद्ध कहलाता है । १२९१) स्वयंबुद्ध सिद्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : दूसरों के उपदेश बिना, जो स्वयं वैराग्यवासित होकर सिद्ध हुए हैं, वे __ स्वयंबुद्ध सिद्ध कहलाते हैं। १२९२) बुद्धबोधित सिद्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : बुद्ध अर्थात् गुरु द्वारा बोध को प्राप्त कर मोक्ष में जाने वाले जीव बुद्धबोधित सिद्ध कहलाते हैं। १२९३) एक सिद्ध किसे कहते हैं ? । उत्तर : एक समय में एक ही मोक्ष में जाये, वह एकसिद्ध कहलाता है। १२९४) अनेक सिद्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : एक समय में अनेक जीव मोक्ष में जाये, वे अनेक सिद्ध कहलाते हैं। १२९५) सिद्ध के भेदों का वर्णन किस सूत्र में है ? उत्तर : उत्तराध्ययन सूत्र के ३६वें अध्ययन में । १२९६) जिन सिद्ध कौन हैं ? | उत्तर : तीर्थंकर भगवान जिनसिद्ध हैं। १२९७) अजिन सिद्ध कौन है ? उत्तर : तीर्थंकर पद रहित पुंडरिक गणधर आदि तथा आचार्य, मुनि आदि सामान्य केवली अजिन सिद्ध कहलाते हैं । १२९८) तीर्थ सिद्ध कौन है ? उत्तर : तीर्थ स्थापना के पश्चात् ही गणधर स्थापना होती है और उसके बाद ही वे मोक्ष में जाते हैं अतः गणधर एवं दूसरे साधु-साध्वी, श्रावक श्राविका तीर्थ सिद्ध कहलाते हैं । 122-------- श्री नवतत्त्व प्रकरण ३८२

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