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क्षेत्र से - ढाई द्वीप प्रमाण है। काल से - अनादि-अनन्त है । भाव से - अरूपी है। गुण से - वर्तना गुण वाला है अर्थात् वस्तु को नई से पुरानी, पुरानी को नष्ट कर नवीन का निर्माण करना ।
संस्थान नहीं है। ३२५) पुद्गलास्तिकाय के स्वरूप को स्पष्ट करो । उत्तर : पुद्गलास्तिकाय-द्रव्य से - पुद्गल द्रव्य अनंत है।
क्षेत्र से - लोक प्रमाण है। . काल से - अनादि-अनन्त है। भाव से - रूपी हैं अर्थात् वर्ण, गंध, रस, स्पर्श युक्त है। गुण से - ग्रहण गुण वाला, (इन्द्रियों से ग्रहण होने के कारण) गलनसडन-विध्वंसन गुण वाला है।
संस्थान से - परिमंडलादि पांच आकृतिवाला । ३२६) जीवास्तिकाय का स्वरुप क्या है ? उत्तर : जीवास्तिकाय-द्रव्य से-जीव अनन्तद्रव्य है।
क्षेत्र से - लोकप्रमाण है। काल से - अनादि-अनंत हैं । भाव से - अरुपी है। गुण से - चेतना लक्षणवाला है।
संस्थान से - स्वदेहाकृति समान । ३२७) छह द्रव्यों में एक विशिष्ट गुण कौनसा है, जो सब द्रव्यों में समान रुप
से पाया जाता है ? उत्तर : काल से अनादि-अनंत भेद सब में हैं। ३२८) द्रव्य किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसमें गुण तथा पर्याय रहते हैं, उसे द्रव्य कहते है अथवा जो उत्पाद,
व्यय तथा ध्रौव्य से युक्त है, वह द्रव्य है। . - - - - - - श्री नवतत्त्व प्रकरण
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