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(११) व्रत, (१२) बेला, (१३) चौला, (१४) व्रत, (१५) बेला, (१६)
तेला। ८८५) घन तप के कितने भेद हैं ? उत्तर : १६ उपवास, १६ बेले, १६ तेले, १६ चौले = ६४ ८८६) वर्ग तप के कितने भेद हैं ? उत्तर : चार हजार छियानवे - (१) एक हजार चौबीस उपवास, (२) एक हजार
चौबीस बेले, (३) एक हजार चौबीस तेले, (४) एक हजार चौबीस
चौले (1024 x 4 = 4096) ८८७) वर्गावर्ग तप के कितने भेद हैं ? उत्तर : एक क्रोड सतसठ लाख सित्तत्तर हजार दो सौ सोलह (१,६७,७७,२१६)
भेद हैं - ४१ लाख ९४ ३ हजार ३०४ व्रत, ४१ लाख ९४ ३ हजार ३०४ बेले, ४१ लाख ९४ ३ हजार ३०४ तेले, ४१ लाख ९४ वें हजार ३०४ चौले । वर्ग एवं वर्गावर्ग तप चौथे आरे में किया जाता है। पंचम . काल में आयु, संहनन आदि की निर्बलता के कारण ये तप करना
संभव नहीं है। ८८८) प्रकीर्णक तप किसे कहते हैं ? उत्तर : प्रकीर्णक तप के १० भेद हैं - (१) नवकारसी, (२) पोरसी, (३)
साड्ड पोरसी, (४) एकासना, (५) एगलठाणा, (६) आयम्बिल, (७)
चरम, (८) अभिग्रह, (९) विगई। ... ८८९) यावत्कथिक अनशन किसे कहते हैं ? .. उत्तर : यावज्जीवन के लिये किया जाने वाला अनशन यावत्कथिक है । ८९०) यावत्कथिक अनशन के कितने भेद हैं ? उत्तर : तीन - (१) पादपोपगमन, (२) भक्त प्रत्याख्यान, (३) इंगित मरण ।
इन तीनों के निर्हारिम तथा अनिर्हारिम ऐसे दो-दो भेद है। ८९१) पादपोपगमन किसे कहते हैं ? उत्तर : चारों आहार का त्याग करके अपने शरीर के किसी भी अंग को किंचित्
मात्र भी न हिलाते हुए, वृक्ष की टूटकर भूमि पर पडी हुई डाल के
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श्री नवतत्त्व प्रकरण