________________
व्युत्सर्ग भी है। १००५) कायोत्सर्ग तप के कितने भेद हैं ? उत्तर : दो - (१) द्रव्य कायोत्सर्ग, (२) भाव कायोत्सर्ग । १००६) द्रव्य कायोत्सर्ग किसे कहते हैं ? उत्तर : आत्मा से भिन्न सभी द्रव्यों का त्याग करना, द्रव्य कायोत्सर्ग कहलाता
है।
१००७) द्रव्य व्युत्सर्ग के कितने भेद हैं ? . उत्तर : (१) शरीर, (२) गण, (३) उपधि, (४) भक्तपान । १००८) शरीर व्युत्सर्ग किसे कहते हैं ? उत्तर : शरीर की ममता तथा ममतावर्द्धक साधनों का त्याग करना, शरीर
व्युत्सर्ग है। १००९) गण व्युत्सर्ग किसे कहते हैं ? उत्तर : अपने गण (गच्छ) का त्याग कर जिनकल्प स्वीकार करना, गण
व्युत्सर्ग है। १०१०) उपधि व्युत्सर्ग किसे कहते हैं ? उत्तर : उपकरण, आवश्यक साधनों व आवश्यकताओं को सीमित करना,
उपधि व्युत्सर्ग है। १०११) भक्तपान व्युत्सर्ग किसे कहते हैं ? उत्तर : आहार-पानी तथा उसकी आसक्ति का त्याग करना, भक्तपान व्युत्सर्ग
१०१२) भाव व्युत्सर्ग किसे कहते हैं ? उत्तर : कषाय, संसार तथा कर्म का त्याग करना, भाव व्युत्सर्ग है। १०१३) निर्जरा तत्त्व को जानने का उद्देश्य लिखो।। उत्तर : अनादिकाल के संचित कर्मों को जलाकर भस्मीभूत करने वाला तप
धर्म ही निर्जरा तत्त्व है । अतः निर्जरा तत्त्व आत्मा का स्वरूप है, आत्मधर्म के सन्मुख हुई आत्मा उपवासादि तप धर्म धारण कर षट्रस के रसास्वादन का त्याग कर बाह्य तप तथा विनयादिक छः आभ्यंतर तप कर, इन दोनों प्रकार के तपों से उपादेय स्वरूप अन्ततः मोक्ष तत्त्व
-
-
-
३३४
श्री नवतत्त्व प्रकरण