Book Title: Navtattva Prakaran
Author(s): Nilanjanashreeji
Publisher: Ratanmalashree Prakashan

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Page 381
________________ १२५५) १० प्रकार के जन्म नपुंसक कौन-कौन से हैं ? उत्तर : (१) पंडक - महिला जैसा स्वभाव व वाणी हो । (२) पातिक - संभोग बिना सहज न होनेवाला । (३) क्लीब - ब्रह्मचर्य पालन में असमर्थ हो । (४) कुंभी - जिसका पुरुष चिह्न बार-बार स्तब्ध हो । (५) ईर्ष्यालु, (६) शकुनि - कबूतरादि की तरह बार-बार मैथुन सेवन करने वाला, (७) तत्कर्म सेवी - स्त्रीसंग करने के पश्चात् अवाच्य अंग चाटने वाला । (८) पाक्षिक अपाक्षिक-शुक्लपक्ष में अधिक कामोत्तेजना व कृष्णपक्ष में अल्प कामोत्तेजना वाला, (९) सौगन्धिक - अवाच्य अंग सुंघने वाला । (१०) आसक्त - स्खलन के पश्चात् भी आलिंगन कर पडा रहने वाला। १२५६) कृत्रिम नपुंसक के ६ भेद कौन से है ? उत्तर : (१) वर्धितक - इन्द्रिय के छेदवाला पावइआ आदि । (२) चिप्पित - जन्म पाते ही मर्दन से गलाये हुए वृषण वाला । (३) मंत्रोपहत - मंत्र प्रयोग से नष्ट पुरुषत्व वालः । (४) औषधोपहत -- औषध प्रयोग से नष्ट पुरुषत्व वाला । (५) ऋषिशप्त – मुनि के श्राप से नष्ट पुरुषत्व वाला। (६) देवशप्त - देव के श्राप से नष्ट पुरुषत्व वाला । १२५७) मनुष्य की स्त्री में से आये हुए कितने मोक्ष जाते हैं ? उत्तर : एक साथ में २० जीव मोक्ष में जाते है । १२५८) वैमानिक देवांगना में से आये हुए कितने जीव एक मोक्ष जाते हैं ? उत्तर : एक साथ २० जीव । १२५९) ज्योतिष देवांगना में से आये हुए कितने जीव मोक्ष जाते हैं ? उत्तर : एक साथ में २० जीव । १२६०) भवनपति आदि पातालवासी देवों की देवांगना में से आये हुए जीव एक साथ कितने मोक्ष जाते हैं ? उत्तर : एक साथ में पांच । १२६१) तिर्यंच स्त्री में से आये हुए कितने जीव एकसाथ मोक्ष में जीते हैं ? उत्तर : एक साथ में १० जीव । - - - - - - - - - - - - - - - ३७८ श्री नवतत्त्व प्रकरण

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