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देश की अपेक्षा से असंख्य है । (दो प्रदेश न्यून) प्रदेश की अपेक्षा से असंख्य है । (देश की संख्या से दो प्रदेश
अधिक) ३१६) अधर्मास्तिकाय के स्कंध-देश-प्रदेश की संख्या कितनी है ? उत्तर : अधर्मास्तिकाय द्रव्य स्कंध की अपेक्षा से एक है।
देश की अपेक्षा से असंख्य है । (दो प्रदेश न्यून) प्रदेश की अपेक्षा से - असंख्य है । (देश की संख्या से दो प्रदेश
अधिक) ३१७) आकाशास्तिकाय द्रव्य के स्कंध-देश-प्रदेश की संख्या कितनी है ? उत्तर : आकाशास्तिकाय द्रव्य - स्कंध की अपेक्षा से - एक है ।
देश की अपेक्षा से - असंख्य है । (दो प्रदेश न्यून) प्रदेश की अपेक्षा से - असंख्य है । (देश की संख्या से दो प्रदेश
अधिक) ३१८) पुद्गलास्तिकाय के स्कंध-देश-प्रदेश-परमाणु की संख्या कितनी है ? उत्तर : पुद्गलास्तिकाय के स्कंध - एक स्कंध में संख्यात, असंख्यात और
अनंत प्रदेश होते हैं। देश – एक पुद्गल में एक से लगाकर अनंत देश होते हैं। सभी स्कंधों के मिलाकर भी अनंत देश होते हैं । प्रदेश - अनंत प्रदेश होते हैं ।
परमाणु - अनंत परमाणु होते हैं । ३१९) काल के स्कंध-देश-प्रदेश कितने होते हैं ? । उत्तर : काल के स्कंध-देश-प्रदेश नहीं होते है परंतु समय अनंत होते हैं । ३२०) धर्मास्तिकाय - अधर्मास्तिकाय - आकाशास्तिकाय इन तीनों के
परमाणु रूप भेद क्यों नहीं होता है ? उत्तर : धर्मास्तिकायादि के समस्त प्रदेश स्कंध के साथ जुड़े हुए ही रहते हैं
क्योंकि ये तीनों अखंड द्रव्य है। इनका प्रदेश कभी भी द्रव्य से अलग नहीं होता । जो स्कंध से अलग पडता है, वही प्रदेश परमाणु कहा
श्री नवतत्त्व प्रकरण