Book Title: Madras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia
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प्राचीन जैन स्मारक ।
(२१) वजवादा नगर - यह पहाड़ियोंसे घिरा है। नगरके दक्षिण एक पर्वत है । दो पाषाणकी मूर्तियें पश्चिमी पहाड़ीपर व एक मूर्ति पूर्वीय पहाड़ी पर मिली हैं । ये शायद जैनधर्मकी हैं । खुदाई से मालूम होता है कि यहां पहले बड़ा प्राचीन नगर था । ११ वीं शताब्दीके ४७ लेख मिले हैं ।
(२२) को किरेनी- नंदिगाम ता० से पश्चिम उत्तर ३६ मील | मुनगल ज़मीदारीसे दक्षिण पश्चिम प्राचीन जैन नगरके स्मारक हैं ।
(२३) उदुकोंड या उदुकोट - नंदिगाम से पश्चिम ३० मील एक पहाड़ी किला है । पहाड़ पर सरोवर हैं । पानी बहुत बढ़िया है। गांववाले जब पानी लेते हैं तब एक पैसा डाल देते हैं। यहां बहुत गहरी व बड़ी गुफाएं हैं ।
(२४) पोंडुगोरु - दाचिपल्लीसे उत्तर पश्चिम ७ मील | यहां हैदराबादकी सड़क कृष्णानदीको पार करती है । यहां जैन ध्वंश स्थान है । नदीके निजाम राज्यकी तरफ प्राचीन जैन स्मारक हैं। (२५) नर्स पेली - तालुका । यहां प्राचीन मंदिर हैं। एक शिव मंदिर है जो पहले जैनोंका था ।
मदरास पुरातत्त्व विभाग द्वारा नीचे लिखे फोटो व चित्र लिए गए हैं
(१) नं ० सी ० १ - बेड़ावादेके एक बड़े जैनस्तंभका चित्र । (२) नं० सी० २ - गुडिवाडकी जैनमूर्तिका चित्र | (३) नं० सी० ३ - एक कायोत्सर्ग जैनमूर्तिका फोटो जो dजवाद के म्यूजियम (अजायबघर ) में है ।