Book Title: Madras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

View full book text
Previous | Next

Page 369
________________ श्रीमान् जैनधर्मभूषण धर्मदिवाकर ब्र० शीतलप्रसादजीकृत प्राचीन जैन स्मारक ग्रंथ । पूज्य व्र० सीतलप्रसादजी, सरकार गजेटियरों आदिसे खोज करके सारे भारत के प्राचीन जैन मंदिर, स्तम्भ, बडहर, मूर्तिये, शिलालेख, ताम्रपत्र आदिका संग्रह अतीव परिश्रमसे करते रहते है जिससे निम्नलिखित प्राचीन जैन स्मारक ग्रन्थ तैयार होकर लागत मात्र मूल्यसे मिलते हैं जिनकी एक २ प्रति हरएक मंदिर ब गृहमें मंगाकर अवश्य २ संग्रह करने योग्य है । (१) बंगाल, विहार, उड़ीसाके प्राचीन जैनस्मारक । - (ए० १६० मूल्य मात्र आठ आने) (२) संयुक्त प्रान्तके प्राचीन जैनस्मारक । (ए० १६० मू० मात्र छह आने ) (३) बम्बई प्रान्तके प्राचीन जैनस्मारक । ___(ए० २५५ व मूल्य मात्र बारह आने ) (४) मध्यप्रान्त, मध्यभारत व राजपूतानाके प्रा० जैनस्मारक (१० २५० व मूल्य मात्र दश आने ) (५) मदरास प्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक । (० ३६८ मूल्य एक रुपया ) (६) पंजाव भातके प्राची। जैनस्मारक ( तैयार होरहा है ) मगानेका पतामैनेजर, दिगम्बर जैन पुस्तकालय, चंदावाड़ी-मूरत ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 367 368 369 370 371 372 373