Book Title: Madras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 327
________________ मदरास व मैमूर प्रान्त। [२९३ किया था। सन् १२०९में वीर वल्लालदेव फिर मल्लदेव फिर मारुदेव राज्य करते थे । इसके पीछे उसकी बड़ी रानी विधवा पट्टदप्रिय अरसी जाकल महादेवीने राज्य किया। बहुत करके ये सब जैन थे। They were probably Juins. कारकलके राजाओंकी सूची ४६६ वर्षकी सन् ११३२ से १९९८ तक (१) वल्लालदेव ११३२ (२) मल्लादेव (३) मारुदेव (४) जाकल महादेवी। १२४६-४७ (५) कलाल महादेवी १२७०-८१ (६) वालादेवी रायवल्लालदेव १२८४-५ (७) वीर पांड्यदेव पुत्र कलालदेवी १२९२-९७ (८) भैररस ओडियर १४१९ (९) वीर पांड्यदेव भैररस ओडियर १४४० (१०) उसकी बहन बालमा देवी १४९३--१५०१ (११) हम्मदी भैरस ओडियर १५१६-३०-यह वालमदेवीका पुत्र था (१२) वोर पांडयप्पा ओडयर चंदलदेवीका पुत्र १५५५ (१३) भेररस ओडियर, गोम्मटदेवीका पुत्र १५८८-१५९८ । नोट-बीचमें राजाव रानियोंके नाम रह गए हैं Brechanca बचनेन साल सन् १८०१ में लिखते हैं ____" Byrusce olcyars were most: powerful Jain Rajas of Tuluva. They were independant of cach other and of jl other powers and who decended from Kings of Vijayanagar by Jain women." भावार्थ-बैरस ओडियर तुलुव देशके बड़े बलवान जैन राजा थे । ये आपसमें व अन्य राजाओंसे स्वतंत्र थे । इनकी उत्पत्ति विनयनगरके राजा और जैन स्त्रियोंसे हुई थी। BREEDNEEEEE

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