Book Title: Madras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia
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(५०)
(५४) (५५) ,, ,
___१४०] प्राचीन जैन स्मारक । (४७) नं० सी ८० एनूस्के गोमदेश्वरकी मूर्तिका पीछेका भाग (४८) ,, , <१ , , ,, छाती ऊपरका भाग (४९) ,, ,, गोमट ज.म. शांतिनाथ मूर्ति द.प. ,,
,, , , स्मारकमें पाषाण
,, ,, ,, सामनेके मानस्तंभ द.प.,, (५२)
,, के शांतीश्वर जैनमंदिरका दृश्य (५३)
, , , का मानस्तंभ ___" " , मानस्तंभका विशेष
,, ख़ुदा हुआ पाषाण ८९ गुरु यवनकेरीके शांतिश्वर मंदिरका द. पू. भाग ९° , , , पश्चिम भाग
९१ गुरुवयनकेरीके चंद्र जैनमंदिरका द. प. भाग (५९) , ,
" ,, पश्चिम भाग (६०) , , ९३ , शांतीश्वरके पांच खभेवाले मंडपका
उत्तर पश्चिम भाग
,, शांतीश्वर जैन मंदिरका विस्तार (६२) ,, ,, ९९ , , सामने मानस्तंभ (६३) ,, , ९६ , , मानस्तंभका विशेष (६४) नं० ६६७ सन् १९२० फोटो मंगलोर ता०के कादरी जैन
मंदिरके भीतर एक स्तंभका (६५) ,, ६७२ सन् २० कारकलके हरियनगड़ीके धर्माधिकारी
जैन मंदिरमें नैन आचार्योंके समूहका फोटो (६६) , ६५३ सन् २०-वहीं-खुदा हुआ पाषाण लेख सहित
(६१) " "