Book Title: Madras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia
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प्राचीन जैन स्मारक। समाधिस्थान हैं। कुछोंके भीतर मिट्टीके वर्तन व हड्डियां आदि मिली हैं।
जैन मंदिर-बहुत हैं। पश्चिमीय तालुकेमें कुछ चालुक्य ढंगके मंदिर हैं जिनमें बहत मुन्दर खुदाई है। बहुत प्रसिद्ध प्राचीन स्थान बहुत अधिक संख्या व बहुत ध्यानके योग्य हम्पीके निकट है जो विनयनगर राज्यकी बड़ी राज्यधानी थी। अडोनी, बेलारी और रायदुग ये बहुत प्राचीन प्रसिद्ध पहाड़ी किले हैं ।
यहांके मुख्य स्थान । (१) अटोनी-नगर ता० अडोनी-मदराससे ३०७ मील। बंगलोरसे सिकन्दराबादकी सड़कपर । यह इस जिलेमें सबसे बड़ा नगर है । यहां कुछ पहाड़ी चट्टाने हैं जिनपर कुछ जैन तीर्थंकरोंकी मूर्तियां अंकित हैं। ये सबसे प्राचीन स्थान हैं। अब जैनियोंने इसकी खबर ली है। यहां पांच पहाड़ियां हैं जिनमें सबसे ऊंची पहाड़ी उत्तरकी तरफ बाराखिल्ली है जिसके ऊपर किला है व पुराना तोपखाना है व पाषाणकी तोप है । इसके पश्चिम तालिबंद पहाड़ी है। दूसरी तीन पहाड़ी हनारासिदी, धर्महल्ली और तासिनबेट्टा हैं। वाराखिल्लीके ऊपर जाते हुए कुछ भाग ऊपर मार्गमें एक बहुत बड़ी चट्टानके नीचे जिसके सामने विशाल वर्गतका वृक्ष है सबसे प्राचीन और अत्यन्त आश्चर्यकारी स्मारक हैं । अर्थात् चट्टानपर बैठे आसन कुछ जैन तीर्थंकरोंकी मूर्तियां ध्यानाकार अंकित हैं। इनमेंसे तीनकी उंचाई ९ इंच है, इनके सामने तीन और बड़ी मूर्तियां हैं जिनमें सबसे बड़ीकी ऊंचाई ३ फीट अनुमान है। इसके ऊपर छत्र है। अडोनीके मारवाड़ी जैनोंने इन तीन बड़ी मूर्ति,