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संख्या भजन विविध २९१. एक समय परोपकार स्वामी ... ... ... . . . . .. ३३५ २९२, मैं न जान्यो री ! जीव ऐसी करैगो २९३, कीजे हो भाईयनि सों प्यार
३३७ २९४. क्रोध कषाय न मैं करौं २९५. रे जिय ! क्रोध काहे करै २९६. सबसों छिमा छिमा कर जीव २९७. जियको लोभ महा सुखदाई २९८. गहु सन्तोष सदा मन रे २९९. साधो ! छांडो विषय विकारी ३००. रे जिया ! सील सदा दिढ राखि हिये ३०१. सैं चेतन करुणा न करी रे ३०२. रे भाई ! करुना जान रे ३०३. वे साधौं जन गाई ३०४. सैनी जयवन्त यह हूजो ३०५. आयो सहज वसन्त
३५३ ३०६. कर्मनि को पेलै, ज्ञान दशा में खेलै
३५४ ३०७. खेलौंगी होरी, आये चेतनराय ३०८. चेतन खेलै होरी ३०९. नगर में होरी हो रही हो ३१०, नेमीश्वर खेलन चले, रंग हो हो होरी ३११. पिया बिन कैसे खेलौं होरी ३१२. भरली भई यह होरी आई
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