Book Title: Dyanat Bhajan Saurabh
Author(s): Tarachandra Jain
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajkot

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Page 430
________________ 149 53 174 252 221 20 299. सुन मन नेमिजी के वैन 300. सुनरी सखी जहाँ 301. सुन सुन चेतन लाड़ले 302, सुर नर सुखदायी गिरनार 303. सेॐ स्वामि अभिनन्दन को 304. सेठ सुदर्शन तारनहार 305. सैली जयवन्त यह हूजो 306, सोई कर्म की रेख पे मेख 307. सोई ज्ञानसुधारस पीवै 308. सोग न कीजे बावरे 309. सो जाता मेरे मन 310. सोहा दीवं साधु 311. संसार में साता नहीं वे 312. स्वामि जिन नाभिकुमार 313. हथनापुर वंदन 314. हम आये हैं जिनभूप 315. हमको कैसे शिवसुख होय 316. हमको प्रभुजी पास सहाय 317, हमतो कबहुं न निज घर 318. हम न किसी के 319. हम लागे आतम राम राम सौं 320. हमारे ये दिन यों ही गये . 321. हमारो कारज ऐसे होय 322. हमारो कारज ऐसे होय 323. हाँ चल री सखी 324. हे जिनराय जी मोहे दुख ते लेहु छुड़ाई 325. हे स्वामि! जगत जलधि 326. हो जिनराज नीति 327. हो भैया मोरे कहु कैसे सुख होय 328. होरी आई आज रंग 218 248 304 352 150 175 176 270 311 152 177 283 325 269 310 14 322 373 249 156 181 ह 219 157 183 271 312 155 180 274 316 314 272 313 220 158 221 159 250 184 252 185 396 द्यानत भजन सौरभ

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