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पृ. क्र. ७८ से ११२
जाति विरुद्ध आचार नय (लोकनीति) विरुद्ध आचार स्वराज्य नीति विरुद्ध आचार अभक्ष्य का लक्षण अभक्ष्य निषेध सच्चे हिन्दु का कर्तव्य उत्तम सिद्धान्त पालने का उपदेश आश्रमों के नाम ब्रह्मचर्याश्रम का लक्षण व कर्तव्य
प्रतिज्ञा ग्रहण २९. प्रथमाध्याय का सारांश • द्वितीय अध्याय -
धर्म का लक्षण धर्म ग्रहण की योग्यता रत्नत्रय धर्म के पात्र इसका माहात्म्य सम्यग्दर्शन का लक्षण इसके दोष सम्यग्दर्शन के अंग प्रथम अंग का लक्षण
द्वितीय अंग का लक्षण १०. तृतीय अंग का लक्षण
चतुर्थ अंग का लक्षण १२. पंचम अंग का लक्षण
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