Book Title: Dharmanand Shravakachar Author(s): Mahavirkirti Acharya, Vijayamati Mata Publisher: Sakal Digambar Jain Samaj Udaipur View full book textPage 1
________________ *आचार्य गहावीरकीर्ति प्रणीत* आशीर्वाद परम पूज्य प्रथमाचार्य श्री १०८ आदिसागरजी (अंकलीकर) के तृतीय पट्टाचार्य । तपस्वी-सम्राट आचार्य श्री १०८ सन्मति सागरजी महाराज | हिन्दी टीकाकर्ती प्रथम गणिनी आर्यिका विजयामति माता प्रकाशक: सकल दिगम्बर जैन समाग उदयपुरPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 ... 338