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प्रथम ढाल
क्रम से सातवें नरककी मिट्टीमें ४ कोशके जीवोंके मारनेकी शक्ति समझना चाहिए।
इस प्रकार नरकोंके भीतर नारकी जीव असंख्य काल तक भारी वेदनाको सहनेके बाद अत्यन्त सौभाग्यसे मनुष्य गतिको प्राप्त कर पाता है।
शंका–नारकियोंकी आयु किस नरकमें कितनी है ?
समाधान-प्रथम नरकमें जघन्य आयु १० हजार वर्ष और उत्कृष्ट एक सागर की है। दूसरेमें उत्कृष्ट आयु तीन सागर, तीसरेमें सात सागर, चौथेमें दस सागर, पांचवेंमें सत्तरह सागर, छठेमें बाईस सागर और सातवेंमें तीस सागरकी है । दूसरे
आदि नरकोंमें जघन्य आयु पूर्वके नरकोंकी उत्कृष्ट आयुसे एक समय अधिक जानना चाहिए। - इन नारकी जीवोंका असमय में मरण नहीं होता है । शरीरके तिल बराबर भी टुकड़े कर दिये जाने पर वह पारेके समान पुनः
आपसमें मिल जाते हैं। ___ उक्त कथनमें इतनी बात विशेष जानना चाहिए कि नरकोंमें विकलत्रय या पशु-पक्षी जीव नहीं होते हैं। ग्रन्थकारने जो वैतरणी नदीको 'कृमि-कुल-कलित' कहा है, उसका आशय यह है कि वहांके नारकी ही नये या पुराने नारकियोंको वेदना पहुँचाने की दुर्भावनासे अपने शरीरकी विक्रिया द्वारा लट, जोंक, सर्प
__-देखो तिलोयपएणत्ती अ०२ गाथा ३४३-३४६ ।