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Regd. No. D, 397
वोरसेवामंदिरके प्रकाशन १. अनित्य-भावना-पा०पनन्दिकृत भावपूर्ण ६. उमास्वामिश्रावकाचारपरीक्षा-मुख्तार भी और हृदयमाही महत्वकी कृति, साहित्य-तपस्थी पण्डित पं०जुगलकिशोरद्वारा लिखित ग्रन्थ-परीक्षाओंका इतिहाजुगलकिशोर मुख्तारके हिन्दी-पद्यानुवाद और भावार्थ स-सहित प्रथम अंश । मूल्य चार पाना। सहित । मूल्य चार माना।
७. विवाह-समुद्देश्य-पंडित जुगलकिशोर + २. आचार्य प्रभाचन्द्रका तत्त्वार्थसूत्र-सरल- मुल्तारद्वारा रचित विवाहके रहस्यको बतलानेवाली
संक्षिप्त नया सूत्र-मन्थ, पं. जुगलकिशोर मुख्तारकी और विवाहोंके अवसरपर वितरण करने योग्य सुन्दर सुबोध हिन्दी-व्याख्यासहित । मूल्य चार पाना । कृति । मूल्य पाठ पाना। ३. न्याय-दीपिका-(महत्वका सर्वप्रिय संस्क
नय प्रकाशन ग)-अभिनव धर्मभूषण विरचित न्याय-विषयको १. आप्तपरीक्षा-स्वोपज्ञटीकासहित-(अनेक सुबोध प्राथमिक रचना। न्यायाचार्य पं० दरबारीलाल विशेषताओंसे विशिष्ट महत्वपूर्ण अभिनव संस्करण) कोठियाद्वारा सम्पादित, हिन्दी-अनुवाद, विस्तृत (१०१ तार्किकशिरोमयि विद्यानन्दस्वामि-विरचित प्राप्तविषयपृष्ठको) प्रस्तावना, प्राथन, परिशिष्टादिसे विशिष्ट, की अद्वितीय रचना, न्यायाचार्य पण्डित दरबारीलाल ४०. पृष्ठ प्रमाण, लागत मूल्य पाँच रुपया। विद्वानों, कोठियाद्वारा प्राचीन प्रतियोंपरमे संशोधित और सम्पाछात्रों और स्वाध्याय-प्रेमियोंने इस संस्करणको बहुत दित, हिन्दी-अनुवाद, विस्तृत प्रस्तावना, और समाजके पसन्द किया है। इसकी थोड़ी ही प्रतियाँ शेष रही हैं। बहुश्र त विद्वान् पं.कैलाशचन्द्रजी शास्त्री द्वारा लिखित शोधता करें। फिर न मिलनेपर पछताना पड़ेगा। महत्वके प्राकथन तथा अनेक परिशिष्टोंसे अलङ्कत
४.सत्साधुस्मरणमङ्गलपाठ-अभूतपूर्व सुन्दर २०४२६/- पेजी साइज, लगभग चार-सी पृष्ठ प्रमाण, 2 और विशिष्ट सङ्कलन, सङ्कलयिता पंडित जुगलकिशोर लागत मूल्य पाठ रुपया । यह संस्करण प्रकाशित मुख्तार । भगवान महावीरसे लेकर जिनसेनाचार्य होगया है। पर्यन्तके २१ महान् जैनाचार्योक प्रभावक गुणस्मरणोंसे २.श्रीपुरपार्श्वनाथ-स्तोत्र-उक्र विद्यानन्दाचार्य युन । मूल्य पाठ पाना ।
विरचित महत्वका स्तोत्र, हिन्दी-अनुवाद तथा प्रस्ता५. अध्यात्मकमलमार्तण्ड-पञ्चाध्यायी तथा धनादि सहित । सम्पादक न्यायाचार्य पण्डित दरबारीलाटीसंहिता आदि ग्रन्थोंके रचयिता पंडित राजमल्ल लाल कोठिया । मूल्य बारह पाना । विरचित अपूर्व प्राध्यात्मिक कृति, न्यायाचार्य पंडित ३. शासनचतुस्त्रिशिका-विक्रमकी १३ वों दरबारीलाल कोठिया और पं. परमानन्द शास्त्रीके शताब्दीके विद्वान् मुनि मदनकीर्ति-विरचित तीर्थसरल हिन्दी-अनुवादादिसहित तथा मुख्तार पंडित परिचयात्मक ऐतिहासिक अपूर्व रचना, हिन्दी अनुवाद
जुगलकिशोरद्वारा लिखित विस्तृत प्रस्तावनास विशिष्ट । सहित । सम्पादक-न्यायाचार्य पण्डित दरबारीलाल के मूल्य डेढ़ रुपया ।
कोठिया । मूल्य बारह पाना । उपास्यापक-दीरसवामन्दिर,
___ ३३ दरियागंज, देहली।
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प्रकाशक-परमानन्द जैन शास्त्री, वीरसेवामंदिर ७/३३ दरियागंज देहली, मुद्रक-अजितकुमार जैन शास्त्री,
अकलंक प्रेस, सदरबाजार, देहली।