Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text
________________
द्वितीय वक्षस्कार]
[२९
भगवन् ! अवसर्पिणी काल कितने प्रकार का है ?
गौतम ! अवसर्पिणी काल छह प्रकार का है-जैसे १. सुषम-सुषमाकाल, २. सुषमाकाल, ३. सुषमदुःषमाकाल, ४. दुःषम-सुषमाकाल, ५. दुःषमाकाल, ६. दुःषम-दुःषमाकाल।
भगवन् ! उत्सर्पिणी काल कितने प्रकार का है ?
गौतम ! छह प्रकार का है-जैसे १. दुःषम-दुःषमाकाल, (२. दुःषमाकाल, ३. दुःषमसुषमाकाल, ४. सुषम-दुःषमाकाल, ५. सुषमाकाल, ६. सुषम-सुषमाकाल)।
भगवन् ! एक मुहुर्त में कितने उच्छवास-निःश्वास कहे गए हैं ?
गौतम ! असंख्यात समयों के समुदाय रूप सम्मिलित काल को आवलिका कहा गया है। संख्यात आवलिकाओं का एक उच्छ्वास तथा संख्यात आवलिकाओं का एक निःश्वास होता है।
हृष्ट-पुष्ट, अग्लान, नीरोग प्राणी का-मनुष्य का एक उच्छ्वास-निःश्वास प्राण कहा जाता है। सात प्राणों का एक स्तोक होता है। सात स्तोकों का एक लव होता है। सत्तहत्तर लवों का एक मुहूर्त होता है। यों तीन हजार सात सौ तिहत्तर उच्छास-नि:श्वास का एक मुहूर्त होता है। ऐसा अनन्त ज्ञानियों ने-सर्वज्ञों ने बतलाया है।
इस मुहूर्तप्रमाण से तीस मुहूर्तों का एक अहोरात्र-दिन-रात, पन्द्रह अहोरात्र का एक पक्ष, दो पक्षों का एक मास, दो मासों की एक ऋतु, तीन ऋतुओं का एक अयन, दो अयनों का एक संवत्सर-वर्ष, पांच वर्षों का एक युग, बीस युगों का एक वर्ष-शतक-शताब्द या शताब्दी, दश वर्षशतकों का एक वर्षसहस्र-एक हजार वर्ष, सौ वर्षसहस्रों का एक लाख वर्ष, चौरासी लाख वर्षों का एक पूर्वांग, चौरासी लाख पूर्वांगों का एक पूर्व होता है अर्थात्-८४००००० ४ ८४००००० = ७०५६०००००००००० वर्षों का 'एक पूर्व होता है। चौरासी लाख पूर्वो का एक त्रुटितांग, चौरासी लाख त्रुटितांगों का एक त्रुटित, चौरासी लाख त्रुटितों का एक अडडांग, चौरासी लाख अडडांगों का एक अडड, चौरासी लाख अडडों का एक अववांग, चौरासी लाख अववांगों का एक अवव, चौरासी लाख अववों का एक हुहुकांग, चौरासी लाख हुहुकांगों का एक हुहुक, चौरासी लाख हुहुकों का एक उत्पलांग, चौरासी लाख उत्पलांगों का एक उत्पल, चौरासी लाख उत्पलों का एक पद्मांग, चौरासी लाख पद्मांगों का एक पद्म, चौरासी लाख पद्मों का एक नलिनांग, चौरासी लाख नलिनांगों का एक नलिन, चौरासी लाख नलिनों का एक अर्थनिपुरांग, चौरासी लाख अर्थनिपुरांगों का एक अर्थनिपुर, चौरासी लाख अर्थनिपुरों का एक अयुतांग, चौरासी लाख अयुतांगों का एक अयुत, चौरासी लाख अयुतों का एक नयुतांग, चौरासी लाख नयुतांगों का एक नयुत, चौरासी लाख नयुतों का एक प्रयुतांग, चौरासी लाख प्रयुतांगों का एक प्रयुत, चौरासी लाख प्रयुतों का एक चूलिकांग, चौरासी लाख चूलिकांगों की एक चूलिका, चौरासी लाख चूलिकाओं का एक शीर्षप्रहेलिकांग तथा चौरासी लाख शीर्षप्रहेलिकांगों की एक शीर्षप्रहेलिका होती है। यहाँ तक अर्थात् समय से लेकर शीर्षप्रहेलिका तक काल का गणित है। यहाँ तक ही गणित का विषय है। यहाँ से आगे औपमिक-उपमा-आधृत काल है।