Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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उत्तरकुरा णामं कुरा पण्णत्ता ।
पाईणपडीणायया, उदीणदाहिणवित्थिण्णा, अद्धचंदसंठाणसंठिआ। इक्कारस जोअणसहस्साइं अट्ठ य बायाले जोअणसए दोण्णि अ एगूणवीसइभाए जोअणस्स विक्खम्भेणंति । तीसे जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया, दुहा वक्खारपव्वयं पुट्ठा, तंजहा - पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं वक्खारपव्वयं पुट्ठा एवं पच्चत्थिमिल्लाए (कोडीए) पच्चत्थिमिल्लं वक्खारपव्वयं पुट्ठा, तेवण्णं जोअणसहस्साइं आयामेणंति। तीसे णं धणुं दाहिणेणं सट्ठि जोअणसहस्साइं चत्तारि अ अट्ठारसे जोअणसए दुवालस य एगूणवीसइभाए जोअणस्स परिक्खेवेणं ।
[जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र
उत्तरकुराए णं भंते ! कुराए केरिसए आयारभावपडोआरे पण्णत्ते ?
गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, एवं पुव्ववण्णिआ जा चेव सुसमसुसमावत्तव्वया सा चेव णेअव्वा जाव १ पउमगंधा, २. मिअगंधा, ३. अममा, ४. सहा, ५. तेतली, ६. सणिचारी ।
[१०४] भगवन् ! महाविदेह क्षेत्र में उत्तरकुरु नामक क्षेत्र कहाँ बतलाया गया है ?
गौतम ! मन्दर पर्वत के उत्तर में, नीलवान् वर्षधर पर्वत के दक्षिण में, गन्धमादन वक्षस्कार पर्वत के पूर्व में तथा माल्यवान् वक्षस्कार पर्वत के पश्चिम में उत्तरकुरु नामक क्षेत्र बतलाया गया है।
वह पूर्व - पश्चिम लम्बा है, उत्तर-दक्षिण चौड़ा है, अर्ध चन्द्र के आकार में विद्यमान है। वह ११८४२२,, योजन चौड़ा है।
उत्तर में उसकी जीवा पूर्व - पश्चिम लम्बी है । वह दो तरफ से वक्षस्कार पर्वत का स्पर्श करती है । अपने पूर्वी किनारे से पूर्वी वक्षस्कार पर्वत का स्पर्श करती है, पश्चिमी किनारे से पश्चिमी वक्षस्कार पर्वत का स्पर्श करती है। वह ५३००० योजन लम्बी है। दक्षिण में उसके धनुपृष्ठ की परिधि ६०४१८९२,, योजन
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भगवन् ! उत्तरकुरुक्षेत्र का आकार, भाव, प्रत्यवतार कैसा है ?
गौतम ! वहाँ बहुत समतल, सुन्दर भूमिभाग है। पूर्व प्रतिपादित सुषमासुषमा सम्बन्धी वक्तव्यतावर्णन के अनुरूप है - वैसी ही स्थिति उसकी है।
वहाँ के मनुष्य पद्मगन्ध-कमल-सदृश सुगन्धयुक्त, मृगगन्ध - कस्तूरी मृग सदृश सुगन्धयुक्त अममममता रहित, सह–कार्यक्षम, तेतली - विशिष्ट पुण्यशाली तथा शनैच्चारी - मन्दगतियुक्त - धीरे - धीरे चलने वाले होते हैं ।
यमक पर्वत
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१०५. कहि णं भंते ! उत्तरकुराए जमगाणामं दुवे पव्वया पण्णत्ता ?