Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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षष्ठ वक्षस्कार]
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इस प्रकार जम्बूद्वीप के अन्तर्गत हैमवत तथा हैरण्यवत क्षेत्र में कुल २८००० x ४ = ११२००० एक लाख बारह हजार नदियाँ हैं, ऐसा बतलाया गया है।
१३. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत हरिवर्ष तथा रम्यकवर्ष क्षेत्र में कितनी महानदियाँ बतलाई गई हैं ?
गौतम ! चार महानदियाँ बतलाई गई हैं१. हरि या हरिसलिला, २. हरिकान्ता, ३. नरकान्ता तथा ४. नारीकान्ता।
वहाँ इनमें से प्रत्येक महानदी में छप्पन छप्पन हजार नदियाँ मिलती हैं। वे उनसे आपूर्ण होकर पूर्वी एवं पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती हैं।
हरिवर्ष में हरिसलिला पूर्वी लवणसमुद्र में तथा हरिकान्ता पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है। रम्यकवर्ष में नरकान्ता पूर्वी लवणसमुद्र में तथा नारीकान्ता पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है।
यों जम्बूद्वीप के अन्तर्गत हरिवर्ष तथा रम्यकवर्ष में कुल ५६००० ४ ४ = २२४००० दो लाख चौबीस हजार नदियाँ हैं, ऐसा बतलाया गया है।
१४. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाविदेह क्षेत्र में कितनी महानदियाँ बतलाई गई हैं ? गौतम ! दो महानदियाँ बतलाई गई हैं
१. शीता, २. शीतोदा,। ___ वहाँ उनमें से प्रत्येक महानदी में पाँच लाख बत्तीस हजार नदियाँ मिलती हैं। वे उनसे आपूर्ण होकर पूर्वी एवं पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती हैं। शीता पूर्वी लवणसमुद्र में तथा शीतोदा पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है।
इस प्रकार जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाविदेह क्षेत्र में कुल ५३२००० x २ = १०६४००० दश लाख चौसठ हजार नदियाँ हैं, ऐसा बतलाया गया है।
१५. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत मन्दर पर्वत के दक्षिण में कितने लाख नदियाँ पूर्वाभिमुख एवं पश्चिमाभिमुख होती हुई लवणसमुद्र में मिलती हैं ?
गौतम ! १९६००० एक लाख छियानवै हजार नदियाँ पूर्वाभिमुख एवं पश्चिमाभिमुख होती हुई लवणसमुद्र में मिलती हैं।
१६. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत मन्दर पर्वत के उत्तर में कितने लाख नदियाँ पूर्वाभिमुख एवं पश्चिमाभिमुख होती हुई लवणसमुद्र में मिलती हैं ?
___ गौतम ! १९६००० एक लाख छियानवै हजार नदियाँ पूर्वाभिमुख एवं पश्चिमाभिमुख होती हुई लवणसमुद्र में मिलती हैं।