Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 419
________________ ३५६ ] है । [जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने क्षेत्र का अवगाहन कर कितने चन्द्र-मण्डल है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में १८० योजन क्षेत्र का अवगाहन कर पांच चन्द्र-मण्डल हैं, ऐसा बतलाया गया भगवन् ! लवणसमुद्र में कितने क्षेत्र का अवगाहन कर कितने चन्द्र- मण्डल हैं ? गौतम ! लवणसमुद्र में ३३० योजन क्षेत्र का अवगाहन कर दस चन्द्र मण्डल हैं। जम्बूद्वीप तथा लवणसमुद्र के चन्द्र- मण्डलों को मिलाने से कुल १५ चन्द्र- मण्डल होते हैं। ऐसा बतलाया गया है। १७६. सव्वब्धंतराओ णं भंते! चदं मण्डलाओ णं केवइआए अबाहाए सव्व - बाहिरए चंद-मंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचदसुत्तरे जोअण-सए अबाहाए सव्व - बाहिरए चंद-मंडले पण्णत्ते । [१७६] भगवन् ! सर्वाभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल से सर्वबाह्य चन्द्र मण्डल अबाधित रूप में कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! सर्वाभ्यन्तर चन्द्र मण्डल से सर्वबाह्य चन्द्र मण्डल अबाधित रूप से ५१० योजन की दूरी पर बतलाया गया है। १७७. चंद-मंडलस्स णं भंते ! चंद-मंडलस्स केवइआए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! पणतीसं पणतीसं जोअणाइं तीसं च एगसट्टिभाए जोअणस्स एगसद्विभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णिआभाए चंद-मंडलस्स चंद-मंडलस्स अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । [१७७] भगवन् ! एक चन्द्र- मण्डल का दूसरे चन्द्र- मण्डल से कितना अन्तर है - कितनी दूरी है ? गौतम ! एक चन्द्र-मण्डल का दूसरे चन्द्र मण्डल से ३५३०/, योजन तथा ६१ भागों में विभक्त एक योजन के एक भाग के सात भागों में चार भाग योजनांश परिमित अन्तर है। १७८. चंद-मंडले णं भंते! केवइअं आयामविक्खंभेणं केवइअं परिक्खेवेणं केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! छप्पण्णं एगसट्टिभाए जोअणस्स आयाम - विक्खम्भेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, अट्ठावीसं च एगसट्ठिभाए जोअणस्स बाहल्लेणं । [१७८] भगवन् ! चन्द्र- मण्डल की लम्बाई-चौड़ाई, परिधि तथा ऊँचाई कितनी बतलाई गई है ? गौतम ! चन्द्र-मण्डल की लम्बाई-चौड़ाई ५६ /, योजन, परिधि उससे कुछ अधिक तीन गुनी तथा ऊँचाई २८ / योजन बतलाई गई है। ६१ ६१ १७९. जम्बुद्दीवे दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइआए अबाहाए सव्वब्धंतरे चन्द - मण्डले

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