Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 397
________________ ३३४ ] [जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र गोयमा ! लवणे समुद्दे तिण्णि तीसे जोअणसए ओगाहित्ता एत्थ णं एगुणवीसे सूरमंडलसए पण्णत्ते। एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे लवणे अ समुद्दे एगे चुलसीए सूरमंडलसए भवंतीतिमक्खायं। [१६०] भगवन् ! सूर्य-मण्डल कितने बतलाये गये हैं ? गौतम ! १८४ सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं। भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने क्षेत्र का अवगाहन कर आगत क्षेत्र में कितने सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं ? - गौतम ! जम्बूद्वीप में १८० योजन क्षेत्र का अवगाहन कर आगत क्षेत्र में ६५ सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं। भगवन् ! लवणसमुद्र में कितने क्षेत्र का अवगाहन कर कितने सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं ? गौतम ! लवण समुद्र में ३०० योजन ' क्षेत्र का अवगाहन कर आगत क्षेत्र में ११९ सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं ? इस प्रकार जम्बूद्वीप तथा लवणसमुद्र दोनों के मिलाने से १८४ सूर्य-मण्डल होते हैं, ऐसा बतलाया गया है। __ १६१. सव्वभंतराओ णं भंते ! सूर-मंडलाओ केवइआए अबाहाए सव्वबाहिरए सूरमंडले पण्णत्ते? गोयमा ! पंच दसुत्तरे जोअण-सए अबाहाए सव्व-बाहिरए सूरमंडले पण्णत्ते २। [१६१] भगवन् ! सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल से सर्वबाह्य सूर्य-मण्डल कितने अन्तर पर बतलाया गया है ? गौतम ! सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल से सर्व बाह्य सूर्य-मण्डल ५१० योजन के अन्तर पर बतलाया गया है। १६२. सूर-मंडलस्स णं भंते ! सूर-मंडलस्स य केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते? गोयमा ! दो जोअणाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ३। [१६२] भगवन् ! एक सूर्य-मण्डल से दूसरे सूर्य-मण्डल का अबाधित-व्यवधानरहित कितना अन्तर बतलाया गया है ? गौतम ! एक सूर्य-मण्डल से दूसरे सूर्य-मण्डल का दो योजन का अव्यवहित अन्तर बतलाया गया है। १. श्रीजम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति सूत्र की शान्तिचन्द्रीया वृत्ति के अनुसार यहाँ ठीक परिमाण ३३०१, योजन है। वृत्ति में कहा गया हैगौतम ! लवणे समुद्रे त्रिंशदधिकानि त्रीणि योजनशतानि सूत्रेऽल्पत्वादविवक्षितानप्यष्टचत्वारिंशदेकषष्टिभागान् अवगाह्य.......। श्री जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति सूत्र, शान्तिचन्द्रीया, वृत्ति, पत्रांक ४८४

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