Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text
________________
षष्ठ वक्षस्कार]
[३२९
४. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत कितने वर्षधर पर्वत, कितने मन्दर पर्वत, कितने चित्रकूट पर्वत, कितने विचित्रकूट पर्वत, कितने यमक पर्वत, कितने काञ्चन पर्वत, कितने वक्षस्कार पर्वत, कितने दीर्घ वैताढ्य पर्वत तथा कितने वृत्त वैताढ्य वर्वत बतलाये गये हैं ?
___गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत छह वर्षधर पर्वत, एक मन्दर पर्वत, एक चित्रकूट पर्वत, एक विचित्रकूट पर्वत, दो यमक पर्वत, दो सौ काञ्चन पर्वत, बीस वक्षस्कार पर्वत, चौतीस दीर्घ वैताढ्य पर्वत तथा चार वृत्त वैताढ्य वर्पत बतलाये गये हैं। यों जम्बूद्वीप में पर्वतों की कुल संख्या ६+१+१+१+२+२००+२०+३४+४ = २६९ (दो सौ उनहत्तर) है।
.. ५. भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने वर्षधरकूट, कितने वक्षस्कारकूट, कितने वैताढ्यकूड तथा कितने मन्दरकूट कहे गये हैं ?
गौतम ! जम्बूद्वीप में छप्पन वर्षधरकूट, छियानवै वक्षस्कारकूट, तीन सौ छह वैताढ्यकूड तथा नौ मन्दरकूट कहे गये हैं। इस प्रकार ये सब मिलाकर कुल ५६+९६+३०६+९८४६७ कूट होते हैं।
६. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत भरत क्षेत्र में कितने तीर्थ बतलाये गये हैं ? गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत भरत क्षेत्र में तीन तीर्थ बतलाये गये हैं१. मागधतीर्थ, २. वरदामतीर्थ तथा ३. प्रभासतीर्थ । भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत ऐरावत क्षेत्र में कितने तीर्थ बतलाये गये है ? गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत ऐरावत क्षेत्र में तीन तीर्थ बतलाये गये हैं१. मागधतीर्थ, २. वरदामतीर्थ तथा ३. प्रभासतीर्थ।
भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाविदेह क्षेत्र में एक-एक चक्रवर्तिविजय में कितने-कितने तीर्थ बतलाये गये हैं ?
___ गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाविदेह क्षेत्र में एक-एक चक्रवर्तिविजय में तीन-तीन तीर्थ बतलाये गये हैं
१. मागधतीर्थ, २. वरदामतीर्थ तथा ३. प्रभासतीर्थ। यों जम्बूद्वीप के चौतीस विजयों में कुल मिलाकर ३४ x ३ = १०२ (एक सौ दो) तीर्थ हैं।
७. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत विद्याधर-श्रेणियाँ तथा आभियोगिक-श्रेणियाँ कितनी कितनी बतलाई गई है ?
गौतम ! जम्बूद्वीप में अड़सठ विद्याधर श्रेणियाँ तथा अड़सठ आभियोगिक-श्रेणियाँ बतलाई गई हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर जम्बूदीप में ६८+६८-१३६ एक सौ छत्तीस श्रेणियाँ हैं, ऐसा कहा गया हैं।
८. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत चक्रवर्ति-विजय, राजधानियाँ, तिमिस गुफाएँ, खण्डप्रपात गुफाएँ,