________________
आओ संस्कृत सीखें
मि (मिव्)±
सि (सिव्)
ति (तिव्)
अम् (अम्व्) स् (सिव्)
द् (दिव्)
याम्
यास्
यात्
आनि (आनिव्)
हि
तु (तुव्)
टिपण्णी :
1.
परस्मैपद
वस्
थस्
तस्
परस्मैपद
व
तम्
ताम्
परस्मैपद
याव
यातम्
याताम्
पाठ
पहला गण
वर्तमान काल
तम्
ताम्
मस्
थ
अन्ति
--
ww
ह्यस्तनी काल
भ्वादि
-
-
म
त
अन्
सप्तमी - विध्यर्थ
प्रत्यय
प्रत्यय
थास्ं
त
आत्मनेपद
वहे
आथे
आते
ईय
ईथास्
-प्रत्यय
परस्मैपद आव(आवव्) आम (आमव्) ऐ (ऐव्)
त
स्व
ताम्
आत्मनेपद
वहि
याम्
यात
युस्
आज्ञार्थ- पंचमी - प्रत्यय
आत्मनेपद
ईवहि
ईयाथाम्
ईयाताम्
महि
आथाम् ध्वम्
आताम् अन्त
आत्मनेपद
महे
ध्वे
अन्ते
आथाम्
आताम्
ईमहि
ईध्वम्
ईरन
आवहै (आवहैव,आमहै (आमहैव्)
ध्वम्
अन्ताम्
अन्तु
धातु पाठ में पहले गण का पहला धातु भू है, अत: पहला गण भ्वादि कहलाता है।
2. यहाँ कोष्ठक में दिए गए प्रत्यय इत् वर्ण सहित हैं। जैसे मि (मिव्) - इसमें व् इत् है। अतः वे प्रत्यय वित् हैं, उसके सिवाय के प्रत्यय अवित् हैं। वित् को विकारक और अवित् को अविकारक भी कहते हैं ।