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हस्तिनापुर में जैनधर्म
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(५) इस स्तूप के पीछे दाई ओर तीन छत्रियाँ ( वेदिकाएं ) एक साथ है । जिनमें श्री शांतिनाथ, श्री कुंथुनाथ, श्री अरनाथ के चरणपट्ट स्थापित हैं ।
(६) एक छत्री इसी स्तूप के पीछे पश्चिम दिशा में बनी है इस में १६ वें तीर्थंकर श्री मल्लिनाथ का चरणपट्ट स्थापित है ।
एवं इस समय इस निशियाँ जी की बिल्डिंग की विस्तार योजना का तीर्थ समिति ने निर्णय किया है । इस के लिये दिल्ली के उदारमना, विनयवान, दानवीर श्रोसवालकुलभूषण धर्मानुरागी सेठ श्री मणिलाल जी सा० डोसी ने रुपया ११११११ - की धनराशि दी है ।
इसका शिलान्यास सेठ मणिलाल जी डोसी ने मिति फाल्गुण वदि २ वि० सं० २०३५ को किया है और जीर्णोद्धार का निर्माण कार्य भारतवर्ष के श्वेतांबर जैनसंघ के सहयोग से चालू हो गया है ।
(७) श्री प्रात्मानन्द जैन बालाश्रम की उत्तर दिशा में वाटिका के बीच में खरतरगच्छीय आचार्य श्री जिनदत सूरि, आचार्य श्री जिनकुशल सूरि, प्राचार्य श्री जिनचन्द्र सूरि के चरण पट्टों की स्थापना वाला गुरुमन्दिर है। इसका निर्माण तपागच्छीय श्राचार्य श्री विजयललित सूरि के प्रशिष्य श्री श्रात्मानन्द जैन बालाश्रम के संस्थापक प्राचार्य श्री विजयप्रकाशचन्द्र सूरि की प्रेरणा, प्रयास तथा उपदेश से हुआ तथा इसकी प्रतिष्ठा भी इन्हीं के द्वारा हुई ।
( 5 ) बालाश्रम के सामने पश्चिम दिशा में श्री श्रात्मानन्द जैन महाविद्यालय की इमारत की दक्षिण दिशा में उपर्युक्त प्राचार्य श्री के उपदेश से श्री ऋषभदेव श्रौर श्री श्री याँसकुमार की दो खड़ी प्रतिमाओं की स्थापना की गई है जो वर्षीय तप का पारणा करने कराने का दृश्य उपस्थित कर रही हैं ।
(e) इसी महाविद्यालय की बाऊंड्री में महाविद्यालय की पूर्व दिशा में प्राचार्य श्री विजयानन्द सूरि ( श्रात्माराम ) जी, तथा इनके पट्टधर आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरि के दायें श्रीर बायें आमने-सामने दो अलग-अलग छत्रियों में खड़े स्टेच्यू स्थापित किये गये हैं ।
(१०) इसी बांउड्री के प्रन्दर स्व० श्राचार्य श्री विजयप्रकाशचन्द्र सूरि का समाधि मंदिर भी है ।
जैन संस्थाएं
(११) श्री शांतिनाथ जी के बड़े श्वेतांबर जैन मंदिर को घेरे हुए तथा उसके पीछे तीन जैन श्वेतांबर धर्मशालाएं हैं ।
(१२) तीसरी धर्मशाला के साथ लगी हुई उत्तरदिशा में विशाल भोजनशाला है जो पारणा मंदिर के सामने पश्चिमी दिशा की एक तरफ़ है तथा इस भोजनशाला और पारणा मंदिर के बीच के मैदान में वर्षीय तप के पारणा करनेवालों के लिये विशाल आँगन है । भोजनशाला के विशाल हाल कमरे में एक साथ पाँच सौ व्यक्ति बैठ कर भोजन कर सकते हैं ।
(१३) श्री प्रात्मानन्द जैन बालाश्रम की विशाल इमारत में बालाश्रम के विद्यार्थियों के लिये बोडिंग तथा भोजनशाला है और इसी बिल्डिंग में जैन पुस्तकालय भी है।
(१४) बालाश्रम के सामने सड़क पार करके पश्चिम दिशा में श्री श्रात्मानन्द जैन हायर सैकेन्ड्री स्कूल की विशाल बिल्डिंग है । इस में आत्मानन्द जैन बालाश्रम बोडिंग में, इस नगर के और घास
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