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दिगम्बरपंथ-एक सिंहावलोकन
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गृहस्थ स्त्री पुरुष दोनों करते हैं। प्रतिमा में स्वस्तिक बना कर उसमें तीर्थ कर का स्पर्श करके प्रक्षाल-चंदन-पुष्प आदि का आह्वान करके स्थापन करता है और से अंगपूजा भी करते हैं। तीर्थ कर की अष्टद्रव्यों से उसकी पूजा करता है। नग्न, अनग्न, अलंकृत, लंगौटवाली, कछोट पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करके वाली अनेक प्रकार की जिनप्रतिमानों
वापिस रवाना कर देता है । की पूजा-वंदना करके पाँचों कल्याणकों, त्यागमय तपस्वी अवस्थानों की पूजा
अपने प्रात्मकल्याण के लिए करते हैं। १५. महावीर, पार्श्वनाथ, नेमिनाथ, मल्लिनाथ, १८. महावीर, पार्श्वनाथ, वासुपूज्य आदि __वासुपूज्य ये पाँच तीर्थ कर अविवाहित
२२ तीर्थ करों का विवाह हुमा। मात्र __ रहे, १६ विवाहित थे । मल्लिनाथ, नेमिनाथ दो तीर्थ कर अविवाहित रहे ।
१६. तीर्थ कर के यहाँ कन्या का जन्म नहीं १६ तीर्थ कर के यहाँ कन्या का जन्म भी होता ___ होता तथापि ऋषभदेव के ब्राह्मी, सुन्दरी
है । ऋषभदेव के ब्राह्मी सुन्दरी दो पुत्रियाँ नाम की दो पुत्रियों ने जन्म लिया था। और महाबीर के प्रियदर्शना नाम की एक और उन्होंने साध्वी की दीक्षाएं ग्रहण पुत्री थी।
की थीं।
२०. वर्षा होने पर गृहस्थ लोग साधु के २०. वर्षा में साधु पाहार आदि लेने के लिये
निवास स्थान पर जाकर उसके लिये न जावे और उनके निवास स्थान पर चौके लगाकर उनके लिये प्राधाकर्मी भी गृहस्थों द्वारा लाया हुआ आहार आहार तैयार करके उन्हें खिला पाते साधु-साध्वी ग्रहण न करे।
. २१. कोई भी महिला पाँच महाव्रत ग्रहण कर २१. मरूदेवी, चंदन बाला, आदि अनेक महि
साध्वी नहीं बन सकती, केवलज्ञान तथा लानों ने केवलज्ञान तथा मोक्ष प्राप्त
निर्वाण भी प्राप्त नहीं कर सकती। किया। पांच महाव्रत ग्रहण कर श्रमणीधर्म भी स्वीकार किया।
२२. दिगम्बर गृहस्थ के यहां से ही एवं उसके २२. साधु-साध्वी चारों वर्गों के यहाँ से निरवद्य
घर पर जाकर उस साधु के निमित्त शुद्ध आहार पानी ग्रहण कर सकते हैं।
बनाया हुआ आहार खाते हैं। २३. महावीर का विवाह हुआ, कन्या का जन्म २३. महावीर अविवाहित थे, इसलिये उनके
हुया और इस कन्या का जमाली से स्त्री, कन्या, दामाद कोई भी नहीं थे। विवाह हुआ।
२४. महावीर का गर्भापहार नहीं हुमा । उनका २४. महावीर का गर्भापहार होकर त्रिशाला ।
च्यवन तथा जन्म त्रिशला रानी के गर्भ रानी के गर्भ से जन्म हुआ।
से हुआ। २५. ऋषभदेव ने चार पुष्टि लोच किया। २५. ऋषभदेव ने पंचमुष्टि लोच किया। उनके सिर के पिछले भाग में केश थे।
सिर के पिछले भाग में भी केश नहीं थे।
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