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मध्य एशिया और पंजाब में जैनधर्म
४. श्री शय्यंभव सूरि [ भगवान महावीर के ६८ २२. श्री जयदेव सूरि वर्ष बाद स्वर्ग०]
२३ श्री देवानन्द सूरि ५. श्री यशोभद्र सूरि [वीरात् १४८ वर्ष २४. श्री विक्रम सूरि . स्व०]
२५. श्री नृसिंह सूरि ६. श्री संभूतिविजय व भद्रबाहुस्वामी [अंतिम २६. श्री समुद्र सूरि
श्रुत केवली। वीरात् १७० स्व०] २७. श्री मानदेव सूरि (दूसरा) ७. श्री स्थूलिभद्र [१० पूर्व सार्थ, ४ पूर्व मूल २८. श्री विबुधप्रभ सूरि __ के ज्ञाता, वीरात् २१५ वर्ष स्व.] २६. श्री जयानन्द सूरि ८. श्री आर्य सुहस्ति व श्री आर्य महागिरि ३०. श्री रविप्रभ सूरि
[सम्प्रति मौर्य के धर्मगुरु ---वीरात २६१ ३१. ,, यशोदेव सूरि सुहस्ति स्व० तथा वीरात् २४५ महा- ३२. ,, प्रद्युम्न सूरि गिरि स्व.]
३३. , मानदेव सूरि (तीसरा) ६. श्री आर्य सुस्थित तथा आर्य सुप्रतिबद्ध ३४. ,, विमलचन्द्र सूरि
[स्व० वीरात् ३३६-कोटिक गण प्रारंभ] ३५. , उद्योतन सूरि [बड़गच्छ] १०. स्थविर इन्द्रदिन्न सूरि [पंजाब के पेशावर ३६. ,, सर्वदेव सूरि (प्रथम)
प्रदेश में प्रश्न वाहणक कुल संस्थापक] ३७. ,, देव सूरि । ११. स्थविर दिन्नसूरि [अापके शिष्य शांति- ३८. , सर्वदेव सूरि (दूसरा)
श्रेणिक से पंजाब में उच्चनागरी शाखा ३६. , यशोभद्र सूरि की स्थापना]
४०. ,, मनिचन्द्र सूरि १२. श्री आर्य सिंह सूरि [गर्द्धभिल्ल राजा के ४१. , अजितदेव सूरि [मापके समय में श्रा उच्छेदक कालिकाचार्य के समकालीन]
जिनदत्त सूरि से खरतरगच्छ की स्थापना १३. श्री वज्रस्वामी [वज्रीशाखा संस्थापक वि० सं० १२०४ में]
अंतिम १० पूर्वी-वि० सं० ११४ स्व०] ४२. ., विजयसिंह सरि १४. श्री वज्रसेन सूरि [आपके समय में वि० ४३. ,, सोमप्रभ सूरि (प्रथम)
सं० १३६ में दिगम्बर मतोत्पत्ति, वि० सं० ४४. , जगच्चन्द्र सूरि (हीरला) [तपागच्छ की १५० में स्वर्गवास]]
स्थापना हुई] १५. श्री स्थविर चन्द्रसूरि [वि० सं० १७३ ४५. ,, देवेन्द्र सूरि [पांच कर्मग्रंथ कर्ता] स्वर्गवास-चन्द्रगच्छ स्थापना]
४६. ,, धर्मघोष सूरि १६. श्री समन्तभद्र सूरि [वणवासी गच्छ] ४७. ,, सोमप्रभ सूरि (दूसरा) १७. श्री बुद्धदेव सूरि
४८. ,, सोमतिलक सूरि १८. श्री प्रद्योतन सूरि
४६. ,, देवसुन्दर सरि १६. श्री मानदेव सूरि (प्रथम) [लघुशांति स्तव ५०. , सोमसुन्दर सूरि के र किता
५१. ., मुनिसुन्दर सूरि २०. श्री मानतुंग सूरि [भक्तामर स्तव रचयिता] ५२. ,, रत्नशेखर सूरि [अापके समय में वि० २१. श्री वीर सूरि [वि० सं० ३०० में नागपुर सं० १५३१ में लुकामत की उत्पत्ति]
में श्री नमिनाथ प्रतिमा की प्रतिष्ठा की] ५३. ,, लक्ष्मीसागर सूरि
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