Book Title: Madhya Asia aur Punjab me Jain Dharm
Author(s): Hiralal Duggad
Publisher: Jain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi

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Page 647
________________ ५१८ मध्य एशिया और पंजाब में जैनधर्म २०. श्री कांगड़ा तीर्थ की सेवाओं के उपलक्ष में ला० शांतिस्वरूप जैन प्रधान श्री कांगड़ा तीर्थ निर्माण समिति द्वारा स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। २१. अपनी धर्मपत्नि धर्मानुरागिनी, महान तपस्विनी श्रीमती सावित्रीदेवी की भावना के अनुरूप उसके निधन पर, उस की पुण्य-स्मृति में श्री कांगड़ा तीर्थ के नव-निर्मित जैनमंदिर में वेदिका केलिये दस हजार रुपये की धनराशी भेंट की। २२. श्री काँगड़ा तीर्थ के जैन मंदिर के लिये शासनदेवी भगवती अम्बिका की एक सुंदर पाषाण प्रतिमा अपने खर्च पर बनवाई तथा अपनी धर्मपत्नि श्रीमती सावित्रीदेवी की प्रेरणा से भगवान श्री शांतिनाथ की रजतप्रतिमा बनवाकर जैनमंदिर में स्थापित की एवं उसी की भक्तिभावना में अपने श्रद्धय गुरुदेव बाबू के महान संत योगीराज जैनाचार्य श्री विजयशांति सूरि जी महाराज की भी एक सुदर पाषाण प्रतिमा बनबाई गई। २३. सन् १९६३ में पंजाब के मुख्य मंत्री श्री प्रतापसिंह कैरों के राज्यकाल में स्कूलों में बच्चों को अंडा देने के विरोध में जैनाचार्य श्री विजयसमुद्र सूरि जी एवं गणि श्री जनकविजय जी महाराज को प्रेरणा देकर उनकी छत्रछाया में शाकाहार समिति के माध्यम से एक विरोधी आंदोलन चलाया और सफलता प्राप्त की। म २४. पंजाब के मुख्य मंत्री ज्ञानी जैलसिंह के राज्यकाल में भी स्कूलों में बच्चों को अंडा देने की योजना बनाई गई । जैनाचार्य श्री विजयसमुद्र सूरि जी महाराज की छत्रछाया में इस के विरोध में भी महाव भी महावीर जैनसंघ पंजाब के माध्यम से आवाज़ बुलंद की और उस योजना को ठप्प कराने में सफलता पाई। २५. निर्वाण-शताब्दी के सुअवसर पर गर्वनर पंजाब श्री एम० एन० चौधरी से मुलाकातके समय श्री एस० एस० जैन सभा हीशियारपुर के प्रमुख कार्यकर्ता बंधुनों को विशेष प्रेरणा देकर भगवान महावीरु की याद में एक फ्री अस्पताल गर्बनर महोदय के करकमलों से चालू करवाकर महान पुण्य उपार्जन किया। जैन समाज के गौरव युवक राजकमार जन लाला खरैतीलाल जी जैन के द्वितीय सुपुत्र कर्मठ युवक श्री राजकुमार जैन, दिल्ली श्री संघ से गौरव हैं । आपका जन्म ८-११-१९२७ में (जेहलम, पाकिस्तान) में हुआ था और आपने बी० ए० तक अध्ययन योग्यता प्राप्त की। आपकी मृदुभाषिता, मिलनसारी, हंसमुख स्वभाव अनायास ही सबको अपनी और आकृष्ट कर लेते हैं। हो श्राप एन० के० (इण्डिया) रबड़ के० प्रा० लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और आपके ही महाप्रयासों से कोरोनेशन स्पोटिंग कम्पनी, नरपतराय खरैतीलाल जैन सदर बाजार दिल्ली आदि औद्योगिक संस्थान सरकार द्वारा स्वर्णपदकों तथा निर्यात-पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। __आपका प्रौद्योगिक सम्पर्क विशाल है-गुड़गांवा इण्डस्ट्रियल एशोसिएशन के पाप प्रधान हैं, नार्दन इण्डिया रबड़ मैन्युफैक्चरर्स फैडरेशन देहली के सेक्रेट्रेरी हैं, कैमिकल एण्ड एलाइड प्रोडेक्टस एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के डायरेक्टर हैं, एडवायजरी बोर्ड सेंट्रल एक्साइज देहली तथा हरियाणा फैक्टरी कौंसिल लेबर डिपार्टमेंट के सक्रिय सदस्य हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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