Book Title: Kasaypahudam Part 09
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatvarshiya Digambar Jain Sangh
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विषय
अनुभागसंक्रस
मंगलाचरण अनुभागसंक्रमके दो भेद
श्रनुभाग संक्रमका लक्षण
मूलप्रकृति अनुभागसंक्रमका लक्षण
उत्तरप्रकृति श्रनुभागसंक्रमका लक्षण प्रकृतमें उपयोगी पदका निरूपण श्रर्थपदकी विशेष व्याख्या
अपकर्षणका कथन
कितने स्पर्धकों का अपकर्षण नहीं होता और किनका होता है
श्रल्पबहुत्व
प्रदेशगुणहानि स्थानान्तरका लक्षण उत्कर्षणका कथन
किन स्पर्धकोंका उत्कर्पण नहीं होता और
किनका होता है।
अल्पबहुत्व
मूलप्रकृति अनुभागसंक्रम
प्रकृतमें उपयोगी २३ श्रनुयोगद्वारोंके साथ भुजगार, पढनिक्षेप और वृद्धिके कथनकी सूचना संज्ञा दी भेदोका नामनिर्देश
सर्वसंक्रम श्रादि ६ श्रनुयोगद्वारों को श्रनुभाग विभक्तिके समान जाननेकी सूचना सादि श्रादि ४ श्रनुयोगद्वारोंका व्याख्यान स्वामित्व के दो भेद और उनका निरूपण कालके दो भेद और उनका निरूपण अन्तरके दो भेद और उनका निरूपण शेष श्रनुयोगद्वारोंको अनुभागविभक्तिके समान जाननेकी सूचना
विषय-सूची
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भुजगार अनुभागसंक्रम
समुत्कीर्तना श्रादि १३ श्रनुयोगद्वारोंकी सूचना १६
विषय
समुत्कीर्तनानुगम स्वामित्वानुगम
कालानुगम
अन्तरानुगम
नानाजीवोंकी अपेक्षा भंगविचयानुगम
भागाभागानुगम परिमाणानुगम
क्षेत्र और स्पर्शनको अनुभाग विभक्तिके समान जाननेकी सूचना
कालानुगम
अन्तरानुगम
भावानुगम
अल्पबहुत्वानुगम
पदनिक्षेपअनुभाग संक्रम
तीन अनुयोगद्वारोंकी सूचना
समुत्कीर्तनाको अनुभागविभक्ति के समान जानने की सूचना
स्वामित्वके दो भेद और उनका कथन श्रल्पबहुत्वको अनुभागविभक्तिके समान जाननेकी सूचना
समुत्कीर्तना
स्वामित्व
वृद्धि अनुभाग संक्रम
१३ श्रनुयोगद्वारों की सूचना
काल
अन्तर श्रादि शेष श्रनुयोग द्वारों को श्रनुभागविभक्तिके समान जानने की सूचना
श्रल्पबहुत्व
उत्तरप्रकृति अनुभागसंक्रम
२४ श्रनुयोगद्वारोंके नाम
संज्ञाके दो भेद
घातिसंज्ञाका स्पष्टीकरण
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