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शलाका पुरुष
६. नव नारद निर्देश
२. वर्तमान भव परिचय
४. तीर्थ
८.निर्गमन
काम म. पु./सर्गालो.
५. शरीर
६. उत्सेध
७. आयु १. ति. प./४/१४१८ १ति. प./४/१४२२ ति. प./४/१३७१
२. त्रि. सा./८२६ २ त्रि. सा./८३० ३. ह. पु./६०/३१०-३११ ३ ह. पु./६०/३२०-३२१
४ म. पु./पूर्ववत वर्ण । संस्थान । संहनन । सामान्य विशेष | सामान्य । विशेष
वर्ष ८४ लाख
१ति, प./४/१४३८
.सा./८३२-८३३ |३ म. पु./पूर्ववन् पत्रि
सप्तम
षष्टम षष्ठ (३ सप्तम)
षष्ठ
1५७/७२-७३,८७-८८
५८/६३.६० ५६/८८.६६ ६०/७०,८३ ६१/७४,८३ ६/१८०.१८६ ६६/१०६-१११,१२५ ६८/११-१३,७२८
दे. तीर्थंकर
ति.प.-स्वर्णवर्ण; म, पु.-x
समचतुरस संस्थान
वज्र ऋषभ नाराच संहनन
पंचम
३२००० १२०००
१४०००
चतुर्थ
०००
तृतीय
३. प्रति नारायणों सम्बन्धी नियम ति. प./४/१४२३ एदे णवपडिसत्तु णवाव हत्थेहि वासुदेवाणं । णियचक्कहि रणेसं समाहदा जति णिरयखिदि।१४२३। -यै नौ प्रति- शत्रु युद्ध में नौ वासुदेवोंके हाथोंसे निज चक्रों के द्वारा मृत्युको प्राप्त
होकर नरक भूमिमें जाते हैं ।१४२३॥ दे. शलाका पुरुष/१/४.५ दो प्रतिनारायणोंका परस्परमें मिलान नहीं होता। एक क्षेत्र में एक कालमें एक ही प्रतिनारायण होता है। इनका शरीर दाढ़ी मूंछ रहित होता है।
६. नव नारद निर्देश .. वर्तमान नारदोंका परिचय
४ वर्तनाकाल
१. नाम निर्देश १ ति. प./४/१४६१ २त्रि, सा./८३४ ३ है. पु./६०/५४८
२. उस्सेध
३. आयु ति. १/४ ह. पु./६० |१.ति. प./४/१४७१
/१४७१ ५४६ २.६. पू./६०/४६
१त्रि. सा./८३५
38/03/28
१.निर्गमन १ति.प./४/१४७० २त्रि, सा./८३६ ३ ह. पु./६०/५५७ सामान्य विशेष
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भीम महाभीम रुद्र महारुद्र काल महाकाल दुर्मुख नरकमुख अधोमुख
उपदेश उपलब्ध नहीं है।
तात्कालिक नारायणोंके तुल्य है
उपदेश उपलब्ध नहीं है
तात्कालिक नारायणोंके तुल्य है
नारायणोंके समयमें ही होते हैं
नारायणोंवत नरकगतिको प्राप्त होते हैं
महाभव्य होनेके कारण परम्परा मुक्त होते हैं।
चतुर्मुख नरवक्त्र उन्मुख
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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