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शलाका पुरुष
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शलाका पुरुषोंका मोक्ष प्राप्त सम्बन्धी नियम |
शलाका पुरुषोंका परस्पर मिलाप नहीं होता । शलाका पुरुषोंके शरीरकी विशेषता ।
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एक क्षेत्रमें एक ही तज्जातीय शलाका पुरुष होता है ।
- दे. विदेह / में त्रि. सा. ।
चरम शरीरी चौथे कालमें ही उत्पन्न होते हैं ।
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जन्म / ५ 1 अचरम शरीरी पुरुषोंका अकाल मरण भी सम्भव है।
- दे. मरण /४१
दे तीर्थंकर ।
तीर्थंकर ।
गणधर चौबे कालों ही उत्पन्न होते हैं।
द्वादश चक्रवर्ती निर्देश
चक्रवर्तीका लक्षण 1
नाम व पूर्व भत्र परिचय |
वर्तमान भव नगर व माता पिता ।
वर्तमान भव शरीर परिचय ।
कुमार कालादि परिचय |
वैभव परिचय |
चौदह रत्न परिचय सामान्य |
चौदह रत्न परिचय विशेष
नवनिधि परिचय |
दश प्रकार भोग परिचय |
चकवतों की विभूतियोंकि नाम।
दिग्विजयका स्वरूप |
राजधानीका स्वरूप
ढाणी चक्रवती उत्पत्ति कालमें कुछ अन्तर ।
चक्रवर्ती शरीरादि सम्बन्धी नियम ।
नव बलदेव निर्देश
पूर्व मज परिचय |
वर्तमान भवके नगर व माता-पिता ।
वर्तमान भव परिचय।
देवका वैभव ।
बलदेवों सम्बन्धी नियम ।
नव नारायण निर्देश
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१
पूर्व भव परिचय ।
२. वर्तमान भवके नगर व माता-पिता ।
३
वर्तमान शरीर परिचय ।
कुमार कालादि परिचय ।
नारायणका वैभव
नारायणोंकी दिग्विजय
नारायण सम्बन्धी नियम ।
भा० ४-२
-दे, जन्म /५
- दे. शलाका पुरुष / १ / ४.५ ।
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ያ
५ नव प्रतिनारायण निर्देश
१
नाम व पूर्वभव परिचय |
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वर्तमान भव परिचय । प्रतिनारायणों सम्बन्धी नियम ।
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१. शलाका पुरुष सामान्य निर्देश
नव नारद निर्देश
वर्तमान नारदोंका परिचय । नारद सम्बन्धी नियम ।
एकादश रुद्र निर्देश
९
सोलह कुछकर निर्देश
१ वर्तमान कालिक कुळकर परिचय ।
नाम व शरीरादि परिचय।
कुमार कालादि परिचय |
रुद्र सम्बन्धी कुछ नियम ।
रुद्र चौथे कालमें ही उत्पन्न होते हैं। - दे. जन्म / ५ ।
चौवीस कामदेव निर्देश
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
चौबीस कामदेव का नाम निर्देश मात्र ।
कामदेव चौधे काल ही पत्र होते हैं।
१० मावि शलाका पुरुष निर्देश
कुलकर के अपरनाम व उनका सार्थक्य । पूर्वभव सम्बन्धी नियम ।
पूर्वभवमै संयम तप आदि सम्बन्धी नियम उत्पत्ति व संख्या आदि सम्बन्धी नियम |
कुलकर, चक्रवर्ती व बलदेव निर्देश। नारावणादि परिचय
१. शलाका पुरुष सामान्य निर्देश
१. ३ शलाका पुरुष नाम निर्देश
वि. प./२/५१०-३११ एती सहायपुरिया सही सलभवविवखाया। जायंति भरलेले परसोहाग १० तिरययरलहरिप
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णाम विस्सुदा कमसो । बिउणियबारसबारस पत्थणिधिरं धसंखाए |११| अब यहाँसे आगे ( अन्तिम कुलकरके पश्चात् ) पुण्योदयसे भरत क्षेत्र में मनुष्यों में श्रेष्ठ और सम्पूर्ण लोकमे प्रसिद्ध तिरेसठ शलाका पुरुष उत्पन्न होने लगते हैं ।५१०। ये शलाका पुरुष तीर्थंकर २४, चक्रवर्ती १२, बलभद्र ६, नारायण ६ प्रतिशत्रु ६, इन नामों प्रसिद्ध हैं। इस प्रकार उनकी संख्या ६३ है । ५११६ (त्रि, सा./८०३), (ज. प./२/१७६-१८४ ) ( गो, जी./जी. प्र./३६१-३६२/- ७७३/३) । सि.प./४/९६९५ १६१ डास
शुरुमे काले बामणा समायपुरिया में ५८ ही शलाका पुरुष होते हैं ।
२. १६९ शलाका पुरुष निर्देश वि. प./४/१४०३ तिर परा म्गुर
चकबल के सिरुदणारा अंगजकुरा भया सिज्यंति नियमेन । १४७३० - २४ तीर्थंकर
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- दे. जन्म/५
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एका १६१२२ दुस्सम९६९६१ डावसर्पिणी काल
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