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शलाका पुरुष
१३
२. द्वादश चक्रवर्ती निर्देश
क्रम.
नाम
| गणना सामान्य प्रमाण । गणना विशेष
क्रम
नाम
| मणना सामान्य प्रमाण । गणना विशेष
३२ ३५० लाख
१२
यक्ष यक्षोंका बन्धु कुल भेरी पटह (नगाड़े) शंख हल
नाट्यशाला संगीतशाला पदाति देश ग्राम
३२००० ३२००० ४८ करोड़ ३२००० ६६ करोड़ ७५०००
१२
२४
१ कोडाकोड़ी है.
।
नगर
१ करोड़ १ला. करोड़
७२००० २६०००
३ करोड़
गौ गौशाला थालियाँ
| ३ करोड़
३४०००
खर्वट मटंब
၃၀၀၀ २४००० ४००० ४८००० ६६००० १४०००
८४ लाख
गज रथ अश्व योद्धा विद्याधर म्लेच्छ राजा चित्रकार मुकुट बद्ध राजा
द्रोणमुख संवाहन অন্দৰ कुक्षि निवास दुर्गादिवन पताकाएँ
१८ करोड़ ८४ , अनेक , ८८००० १६००० ३२००
७०० २८०००
४८ करोड़
१८००० ६६०००
३
भोग
पृथिवी
१० प्रकार षट् खण्ड
-
७. चौदह रत्न परिचय सामान्य
उत्पत्ति
क्रम
निर्देश १.ति.प./४/१३७६-१३८१ २. त्रि. सा./८२३ ३. ह. पू./११/१०८-१०६ ४.म.पू./३७/८३-८६
संज्ञा १.ति, प./४/१३७७-१३८१ २. दे, आगे शीर्ष क.सं. ११'
१. ति. प./४/१३७८.१३८० २. त्रि. सा./२३ ३. म. पु./३०/८५-८६
दृष्टि भेद
विशेषता
नाम
क्या है
सामान्य
विशेष
सामान्य
विशेष
प्रमाण नं०२
प्रमाण न०२
आयुधशाला
worm *
आयुध छतरी आयुध अस्त्र अस्त्र
सुदर्शन सूर्यप्रभ भद्रमुख प्रवृद्धवेग चिन्ता जननी चूड़ामणि
सौनन्दक चण्डवेग
छत्र खड्ग दण्ड काकिणी मणि चर्म सेनापति गृहपत्ति
श्री गृह
ति.प./१/१३८२ किन्हीं आचार्योक मतसे इनकी उत्पत्तिका
नियम नहीं। यथायोग्य स्थानों में उत्पत्ति ।
दे. पृगला शीर्षक !
विजया
বালানী
॥ W
भण्डारी
आयोध्य भवमुख
कामवृष्टि (ह.पू./११/१२३)
गज
हाथी
শিলা
राजधानी
:.
विजयगिरि पवनंजय बुद्धिसागर कामवृष्टि सभद्रा
अश्व पुरोहित स्थपति युवती
तक्षक (मबई) पटरानी
विजया
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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