Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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उ७७
3८७
४०२
४६६
१८१ भारहवे अंग छी विराधना से और आराधना से ज्या इस होता है उनष्ठा नि३पारा
उ६४ १८२ वराशी और मछवराशी छा नि३पारा
૩૭૨ १८3 ससुराभाराठिों हे आवासाठिठा नि३पाय १८४ नैरयिष्ठवों ही स्थिति ठा नि३पाया १८५ नारठादिवों अवगाहना ठा नि३१ १८६ अवधिज्ञान स्व३५ ठा नि३पारा
૪૨૮ १८७ छवोंठे आयुजन्ध स्व३५ ठा नि३पाया
४३४ १८८ छवों हे संस्थान संहनन वेघाहि स्व३प छा निसपा ४४१ १८८ सभवसरा स्व३५ ठा नि३पाया
૪પ૧ २०० हुलठरों छे भहापु३षों के नामाथि नि३पापा
૪પ૧ २०१ तीर्थंटरठे पिता आहि नाभठा नि३पारा
૪પર २०२ तीर्थंटरठे प्रथभ भिक्षा हाताओं हे नाभष्ठा नि३पारा २०३ तीर्थरोंठे यैत्यवुक्ष हे नाभा नि३पारा
४६७ २०४ तीर्थरोंडे प्रथम शिष्य ठे नाभठा नि३पारा
४६८ २०५ तीर्थरोंठे प्रथम शिष्यों हे नाभठा नि३पारा
४७० २०६ आरह यवर्तियो ठे नाभठा नि३पारा
४७१ २०७ आरह यवर्तियो । भाताओं हे नाभष्ठा नि३पारा
૪૭ર २०८ यवर्तियों है और उनठे स्त्रियों डे नाभा ज्थन
४७३ २०८ लव और वासुदेवों भातापिताओं हे नाभा ज्थन ४७४ २१० गुगनिर्देश पूर्वष्ठ असहेव और वासुदेव हे नाभष्ठा ज्थन
४७६ २११ अहेव और वासुदेवठे पूर्वभवीय नाभष्ठा Bथन
४८५ २१२ जलव और वासुदेव ८ नव धर्भायार्थ डे नाभा नि३पारा ४८६ २१७ नव वासुदेवों डे निघानभूभि ठे नाभठा नि३पारा
४८८ २१४ यौलीस तीर्थप्टरों नाभठा नि३पारा
૪૯૧ २१५ भविष्य ठाठे सात हुलष्ठरों ठे नाम छा ज्थन
૪૯૨ २१६ भविष्य उाल यौमीस तीर्थष्ठरों हे नाभा नि३पाश ૪૩ २१७ भविष्यात ठे यौलीस तीर्थष्ठरों पूर्वभव यौलीस नाभठा ज्थन
४८४ २१८ भविष्य ठाल यवर्तियों नाभठा नि३पा
४८७ २१८ भविष्यात हे लव वासुदेव ठे भातापिता ठे नाभा ज्थन ४८८
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર
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