Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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१६२ तीन हार संज्या विशिष्ट सभवाय ठा नि३पारा १६३ यार हार संज्या विशिष्ट सभवाय छा नि३पारा १६४ पांय हार संज्या विशिष्ट सभवाय हा नि३पाश १६५ छह हार संज्या विशिष्ट सभवाय छा नि३पाय १६६ सात हर संज्या विशिष्ट सभवाय ठा नि३पारा १६७ माठ हार संज्या विशिष्ट सभवाय डा नि३पा १६८ नव हार संज्या विशिष्ट सभवाय हा नि३पा १६८ हश हार संज्या विशिष्ट सभवाय डा नि३पा १७० मेड लाज संज्या विशिष्ट और हो ताज संज्या विशिष्ट
सभवाय छा नि३पारा १७१ तीन लाज और यार लाज संज्या विशिष्ट सभवाय छा
नि३५ १७२ पांय लाज संज्या विशिष्ट सभवाय हा नि३पाया १७3 छह और सात लाज संज्या विशिष्ट सभवाय छा नि३पारा १७४ आढ और हश लाज संज्या विशिष्ट सभवाय ठा नि३पारा १७५ मेछडरोऽ संज्या विशिष्ट सभवाय ठा नि३पारा १७६ सागरोषभ छोटाछोटि संज्या विशिष्ट सभवाय ठा नि३पा १७७ द्वादृशांग डे स्व३५ ठा नि३पा १७८ द्वाशसंगो में प्रथम संग आयारांग स्व३५ ठा नि३पारा १७८ ठूसरे संग सूचकृतांग स्व३५ ठा नि३पारा १८० तीसरे संग स्थानांग स्व३५ ठा नि३पारा १८१ यतुर्थांग सभवायांग डे स्व३५ ठा नि३पारा १८२ पायवे अंग व्याज्या प्रज्ञप्ति (भगवती) स्व३५ ठा नि३पा १८ छठवे अंग ज्ञाताधर्भध्थांग स्व३५ ठा नि३पा १८४ सातवे अंग उपासठशांग डे स्व३५ ठा नि३पारा १८५ आठवे संग अन्तकृतहशांग स्व३५ ठा नि३पारा १८६ नववे अंग अनुत्तरोषपातिकृशांग स्व३५ ठा नि३पारा १८७ शवे अंग प्रश्नव्याठा स्व३५ ठा नि३पारा १८८ ग्यारहवे अंग विपाश्रुत ठा नि३पाया १८८ आयारांगाहि ग्यारह अंगो डे पसंज्या Eर्श ठोष्ट १८० मारहवे संग द्रष्टिवाह स्व३५ ठा नि३पा
ઉપર ૨પર રપ૩ ૨પ૩ ૨પ૩ ૨પ૪ ૨પપ ૨પપ ૨૬૪ ર૭૪ २७८ २८४ ૨૯૦ ૩૦૨ उ०८ ૩૧૩ ૩૨૧ ૩ર૭ उ४३ उ४४
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર
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