________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
यही है जिंदगी
www.kobatirth.org
-
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मेरा दुर्भाग्य है कि लोग मेरा तिरस्कार करते हैं।
भाग्य को इस प्रकार कोसने से क्या ? फरियाद करने से भाग्य बदलता नहीं! फरियाद करने से दुनिया बदलती नहीं! तो फिर फरियाद क्यों करनी चाहिए? दृष्टि ही बदलनी होगी सोचने की ।
१४२
भाग्य ने मुझे क्या-क्या दिया है, कितना दिया है, वह ही मुझे देखना होगा। मैं चाहता हूँ और मुझे नहीं मिला है - इसको परमात्मा की कृपा ही माननी चाहिए।
सदैव प्रसन्नचित्त रहने का रहस्य इस विश्वास में छुपा पड़ा है। कैसी भी विकट परिस्थितियों में स्वस्थता बनाये रखने का रहस्य इस श्रद्धा में छुपा पड़ा है।
भाग्य ने मुझे कितना दिया है! यदि मैं उसका सदुपयोग करूँ तो जीवन सत्कार्यों से भर जाए, मन आनंद से छलकता सागर बन जाए ।'
- जो मेरे पास नहीं है उसको मुझे याद नहीं करना है।
- जो मेरे पास से चला गया है, उसको मुझे याद नहीं करना है।
- मुझे किसी व्यक्ति से फरियाद नहीं है, मुझे अपने भाग्य से फरियाद नहीं है। हाँ, कोई मेरे पास फरियाद लेकर आएगा तो मैं सुनूँगा शांति से । उसकी फरियाद सही होगी तो निवारण का प्रयत्न भी करूँगा । यदि फरियाद सही नहीं होगी तो फरियाद छोड़ देने को समझाऊँगा । फरियाद करने की आदत से छुटकारा पाने का उपाय बताऊँगा ।
जिस मानव-जीवन में परमात्मा को याद करते रहना है, उस जीवन में फरियादों का स्थान ही कहाँ है ?
- जिस मानव-जीवन में मोक्षमार्ग की आराधना ही करनी है, उस जीवन में शिकायतों का स्थान ही कहाँ है ?
- जिस मानव-जीवन में समग्र जीवसृष्टि से मैत्री - संबंध स्थापित करने हैं, उस जीवन में शिकायतें किससे करनी है ?
For Private And Personal Use Only
- जिस मानव-जीवन में आत्मपरिणति प्राप्त करनी है, आत्मानन्द की अनुभूति में डूबना है, उस जीवन में फरियादें कैसे कर सकता हूँ ?
'मुझे किसी से कोई फरियाद नहीं है, मुझे बहुत कुछ मिल गया है।'