________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
यही है जिंदगी
१९९ यदि यह संभव न हो तो आप मेरे पास पहुँच जाना... क्योंकि आप तो सर्वशक्तिमान हैं।
हे करुणासिन्धु!
आपने कहा है : 'सभी जीव को अपने मान कर जीवन जीना', मैं वैसे ही जीऊँगा, सभी जीवों को मेरे मित्र मान कर...।
आपने कहा है : 'तेरा कोई नहीं है... ऐसा मानकर मृत्यु के लिए तैयार रहना... प्रतिपल,' मैं वैसे ही तैयार रहूँगा... मृत्यु के इन्तजार में | मृत्यु तो आपके क्षेत्र में प्रवेश पाने का द्वार है न प्रभो?
For Private And Personal Use Only