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यही है जिंदगी
१७५ - इसीलिए कहता हूँ कि सत्पुरुषों की खोज खूब सावधानी से करना । अन्यथा, नाम अनासक्ति का होगा और काम आसक्ति का होगा। आसक्ति के बंधन दृढ़ हो जायेंगे।
- विषयासक्ति अन्धापन है। - विषयविरक्ति दिव्य दृष्टि है। - दिव्य दृष्टि के प्रकाश में ही परमात्मा का पथ दिखायी देता है। - मार्ग को देखे बिना उस पर चलना कैसे संभव हो सकता है? - अन्धापन मिटाना होगा, दिव्य दृष्टि प्राप्त करनी होगी।
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