Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
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साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
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दोहा :
गौरव की बात है और भविष्य में भी गौरवशाली बात उप प्रवर्तक पद है पाया, श्रमण संघ के दृढ़ आधार। रहेगी। युग युग जीओ सुमन गुरुवर, सर्वत्र जय जयकार ।।
आपके अतिशय एवं प्रवचन से प्रभावित होकर
साध्वी ओमप्रभा | आपके आशीर्वाद हमेशा प्राप्त होते रहें इसलिए “गिरवी (उपप्रवर्तिनी महासाध्वी श्री कैलासवती जी की शिष्या, पंजाब) ऐसोसिएशन भवन" बैंगलोर पर आपके आशीर्वचन का
शिलालेख भी लगवा दिया है। ताज्जुब ही है कि यहाँ
अकसर संत सतियों का ठहरना हो ही जाता है। ( जैन जगत के गौरवशाली संत)
आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का लेखा जोखा करना
आसान नहीं है। कब, कौन, कहाँ इनके आशीर्वाद से श्रमण संघीय सलाहकार मंत्री श्री सुमनकुमार जी
पल्लवित पुष्पित हुआ, वे सब एक जगह इकट्ठे हो और म.सा. ने संयमी जीवन के ४६ वर्ष पूर्ण किए हैं। वस्तुतः
कह भी दे तो भी वह क्रिया आधी अधूरी ही रहेगी, गुरु संत चलते-फिरते ‘पावर हाउस' है जिन्हें जीवन में ऊर्जा
कृपा की महिमा अपार है। यह कृपा भी अनेकानेक (शक्ति) चाहिए उन्हें संतों तथा महान पुरुषों से जुड़ना ही
भक्तों ने प्राप्त की है। मुझे भी विगत नौ वर्षों से मिल रही पड़ेगा।
है। आभार व्यक्त करने को शब्द नहीं है। आपके संयम सन्त चलता फिरता आइना है, जो सन्तों के सामने | के ५०वें वर्ष में यही मंगल कामना करता हूँ कि आप आता है उसका प्रतिबिम्ब आइने में झलक जाता है, सन्तों | अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। साथ ही जन साधारण के लिए के पास आने से वे डरते हैं जो कुरूप होते हैं। पहाड़ के | आप कामधेनु एवं कल्पवृक्ष बनें। आपके सान्निध्य में पास आने से ऊंट डरता है, संत के पास आने से झूठ | आने वाला जिज्ञासु अपने भवों की श्रृंखला को कम से डरता है।
करे और सन्तोमय जीवन यापन करें। सन्तों की वाणी समस्याओं की पूर्ति है और जिज्ञासाओं पूज्य श्री के चरणों में सविधि वन्दना का समाधान है। संत समाधि के स्वर हैं। संत नर और
. 0 श्री चेतन प्रकाश डूंगरवाल, नारायण के माध्यम हैं। यदि सन्तों तथा साध्वियों से कुछ
बैंगलोर पाना है तो अपने अस्तित्व को उनके चरणों में विलीन करना आवश्यक है।
(संयम-निष्ठ मुनिराज इन युक्त परिभाषाओं का चित्रण एवं मिश्रण हमारे
पंजाब प्रान्त के मूर्धन्य मनस्वी संत रत्न श्रमणसंघीय चरित्रनायक श्री सुमनकुमार जी में सहज परिलक्षित होता
सलाहकार श्री सुमन मुनि जी महाराज की पचासवीं दीक्षाहै। आपकी भक्ति में सराबोर अनेक भक्तों ने संघ-समाज
स्वर्ण-जयंति माम्बलम् चेन्नई श्री संघ द्वारा समारोह पूर्वक के लिए कई अनुपम कार्य किये हैं।
आयोजित की जा रही है। यह परम प्रसन्नता का विषय ___ मैसूर में जैन दर्शन एवं प्राकृत भाषा का कार्य जो | है। पूज्य श्री का समग्र जीवन संयम और साधुता के लिए आपने करवाया है वह तो जैन जगत के लिए एक विशेष | समर्पित रहा है। ऐसे संयम निष्ठ पुरुषों की दीक्षा-स्वर्ण
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