Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
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साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
अन्त में धन्यवाद ज्ञापित किया संघ के पदाधिकारी इस कार्य क्रम हेतु वहाँ के संघपति श्री मान् पुखराज ने और मंगलवचन के साथ सभा विसर्जित हुई। जी साहब गाँधी (बूसी वाले) ने जैन श्री संघ खैरताबाद
की ओर से हिन्दी मिलाप ता. २१/३/८६ में के विज्ञप्ति
भी मुद्रित करवाई ताकि समाज के सभी लोग लाभान्वित लाल बाजार में ही सिकन्दराबाद का श्री संघ मंत्री
हो सकें । और श्रद्धालुगण अपने आराध्य गुरुदेवों के मुनिवर जी के समीप पहुँचा और डॉ. शिवमुनि जी म. सा. के सन्निधी में ज्ञान अर्जित कर रहे वैरागी राकेश कुमार
दर्शन एवं प्रवचन श्रवण का पूरा-पूरा लाभ ले सकें। एवं साध्वी अर्चना जी म. की ममक्ष बहन अपूर्वा के दीक्षा होली चातुर्मास में वहाँ के जैन श्री संघ के तत्वाधान महोत्सव पर पधारने का पुरजोर आग्रह किया। मंत्री मुनि में श्री महावीर नवयुवक मंडल खैरताबाद, जैन संघ, जैन श्री ने कहा युवाचार्य श्री हमारे ही प्रान्त के हैं और हमें यूथ कल्ब द्वारा निःशुल्क नेत्र शिविर का समायोजन आना ही है किन्तु एक बात का विशेष ध्यान रखना कि हुआ। इस शिविर में ४०० व्यक्तियों की नेत्र परीक्षण वैरागी के लिए प्रयुक्त होने वाले किसी भी उपकरण की किया गया। रक्तदान शिविर भी श्री महावीर नवयुवक बोली नहीं लगे। संघ ने मंत्री मुनिवर को आश्वस्त किया मंडल खैरताबाद द्वारा आयोजित हुआ था। आशा से तो मुनि ने भी सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी। दीक्षा दिवस अधिक उस दिन भाई-बहनों ने अपना अमूल्य रक्त दान था वसंत पंचमी १६८६ दीक्षा स्थल था-सेनाय नर्सिंग होम करके मानव सेवा का अनुकरणीय कार्य किया। इस के सामने मैदान (मार्डपल्ली)।
अवसर पर आनन्द आध्यात्मिक पाठशाला के शिक्षार्थियों दीक्षोत्सव की तैयारी होने लगी – मंत्री मुनिवर भी की परीक्षा सलाहकार मंत्री श्री सुमनमुनि जी म. के द्वारा दीक्षा के तीन पूर्व वहाँ पधारे गए। युवाचार्य श्री तो वहीं सम्पन्न हुई। थे। बसंत पञ्चमी का वह पावन दिवस भी आया कि उन दिनांक २१-३-८६ को श्रद्धेय मुनिवर ने अपने दोनों मुमुक्षु भाई बहनों ने श्रामण्य दीक्षा ग्रहण कर अपने
प्रवचन में कहा कि-“समाज में व्याप्त कुरीतियों को हटाने जीवन को सार्थक बनाया। ...
एवं धार्मिक सहिष्णुता लाने हेतु छोटे-छोटे बालकों में तदनंतर सभी श्रमण श्रमणियों का विहार कुलपाकजी। संस्कार निर्माण एवं नैतिक मूल्यों का बीजारोपण होना तीर्थ की ओर हुआ। किल्पाक जी तीर्थ पर कुछ दिवस । आवश्यक है। बालक सुसंस्कारित होंगे तो युवापीढ़ी स्थिरता रही।
नैतिक एवं संस्कारवान् रहेगी और धर्म एवं समाज की ___ परम श्रद्धेय सलाहकार मंत्री जी म. का एवं युवाचार्य
उन्नति में एक प्रमुख योगदान रहेगा।" श्री जी म. एवं अन्य साधु-साध्वीयों का फाल्गुनी (होली) चातुर्मास घोषित हुआ - खैरताबाद के लिए। यथा समय
पंजाबकेसरी जैनाचार्य पूज्य श्री काशीराम सभी मुनिवरों का वहां समागम हुआ। दिनांक २१-३-८६
जी.म.सा. का ४४वाँ पुण्यतिथि समारोह मंगलवार परातः ६ बजे उपर्युक्त सभी मुनिवरों का एवं __ पूज्य आचार्य श्री काशीराम जी.म.सा. का जन्म साध्वी मंडल का सामूहिक प्रवचन आयोजन वासवी भवन, मृगशिर कृष्णा सप्तमी विक्रम संवत १६४० में दुग्गड़ मीरा टाकीज के सामने खैरताबाद (हैदराबाद) में रखा
कुलीन ओसवाल जैन परिवार में हुआ। पुण्यकुक्षी श्रीमती गया।
राधादेवी एवं सरल हृदयी लाला गोविन्द रायजी इनके
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