Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
View full book text
________________
वन्दन-अभिनन्दन
इस अवसर पर रायचूर (कर्नाटक) कुंडीतोप, धन्यवाद के साथ सभा गोष्ठी समापन हुई। चेन्नई श्री संघो ने चातुर्मासार्थ एवं एस.एस. जैन महासभा
दिनांक २३-१०-१६६६ का समारोह – “श्री पंजाब के पदाधिकारियों ने पुनः पंजाब की ओर पधारने
सुमनमुनिजी म. दीक्षा स्वर्ण जयन्ति अभिनंदन समारोह की पुरजोर विनती प्रस्तुत की।
समिति” की ओर से आयोजित था। समारोह अध्यक्ष विकलांगो को कृत्रिम पैर वितरित किये गये एवं थे - श्री सम्पतराजजी डूंगरवाल, सिकन्दराबाद । गरीब अनाथ महिलाओं एवं पुरुषों को वस्त्र प्रदान स्वागताभिभाषण प्रस्तुत किया – समिति के मानद् अध्यक्ष किये गये। दवाईयाँ भी प्रदान की गई तथा ६०० से । श्री सोहनलालजी कांकरिया, सेलम ने । भी अधिक गरीबों असहायों को भोजन करवाया गया। वन्दन-अभिनंदन की श्रृंखला में बाहर से पधारे इस प्रकार मानव-सेवा का सराहनीय कार्यक्रम रहा।।
गुरुभक्तों संघाध्यक्षों, मंत्रियों ने अपने-अपने श्रद्धा - सुमन इस कार्यक्रम के आयोजक थे - एस.एस. जैन संघ,
गुरुदेव श्री को अर्पित किये एवं अपने आप को धन्यभगवान महावीर सेवा समिति, श्री एस.एस. जैन महिला धन्य एवं कृतकृत्य समझा। मंडल, श्री सुमन मुनि फाउंडेशन । कार्यक्रम का संचालन सुन्दर ढंग से किया श्री उत्तमचंद जी गोठी (मंत्री) ने ।
“साधना का महायात्री : प्रज्ञामहर्षि श्री सुमनमुनि"
ग्रंथ का लोकार्पण किया - डॉ. श्री युत छगनलाल जी ____ श्री एस.एस. जैन संघ माम्बलम की ओर से गौतम । शास्त्री ने। प्रथम प्रति गुरुदेव श्री के कर-कमलों में प्रसादी की व्यवस्था समुचित रूपेण थी। गुरुदेव श्री के सविनय अर्पित की गई। 'जय' निनादों से वातावरण मांगलिक वचन के पश्चात् सभा विसर्जित हुई। गूंज उठा।
यह अभिनंदन समारोह श्री एस.एस. जैन संघ, डॉ. नरेन्द्रसिंहजी ने गुरुदेव श्री के जीवन पर माम्बलम द्वारा समायोजित था। संघ के प्रयासों की अपना सारगर्भित प्रवचन प्रस्तुत किया। श्री भद्रेशकुमार भक्तजनों द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। जैन ने ग्रंथ-परिचय दिया एवं डॉ. श्री इन्दरराज जी
बैद ने भी गुरुदेव श्री का अभिनन्दन किया। मध्याह्न में ३ बजे से ५ बजे तक जैन विद्यागोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें ब्यावर से पधारे डॉ. श्री
श्री एस.एस. जैन महिला मंडल ने भी गुरुदेव श्री नरेन्द्रसिंहजी एवं श्री भद्रेशकमार जी जैन ने प्रभावशाली का हादिक आभनन्दन किया। प्रवचन प्रस्तुत किये। इसकी अध्यक्षता की डॉ. नरेन्द्रसिंह विद्वद्जनों का स्वागत समिति की ओर से एवं जी ब्यावर ने।
ग्रंथ अर्थसहयोगियों का स्वागत श्री एस.एस. जैन
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org