Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai

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Page 678
________________ साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि श्री हरीश एल. मेहता श्री हरीश एल. मेहता श्रेष्ठ समाज-सेवी व शिक्षानरागी डॉ. श्री सी.एल.मेहता के सुपुत्र हैं। डॉ.सी.एल. मेहता ने चेन्नई में अनेक शिक्षण संस्थाओं यथा-धनराज वैद जैन कॉलेज, सी.एल. बैद मेहता कालेज ऑफ फॉरमेसी, मिश्रीमल नवाजी मुणोत जैन इंजिनियरिंग कालेज आदि संस्थाओं की स्थापना की व शिक्षा प्रचार में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। श्री हरीश मेहता का जन्म ३-२-५८ को हुआ। आपने बी.कॉम. तक शिक्षा प्राप्त की तथा व्यवसाय व विक्रय कला का विशेष अध्ययन किया। आप हुल्टा फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर व श्री मीनाक्षी एजेन्सीज के मैनेजिंग पार्टनर हैं। आप तमिलनाडु के फार्मेसी कालेजों की मेनेजिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एवं नेशनल चेम्बर आफ कॉमर्स तथा आल इंडिया मेन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के तमिलनाडु वोर्ड के उपाध्यक्ष हैं। इनके अतिरिक्त आप अनेक शिक्षण संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। आप एम.एन.एम. जैन इंजिनियरिंग कॉलेज, सी.एल.बैद मेहता फार्मेसी, श्री बी.एस. मूथा गर्ल्स स्कूल के मंत्री हैं तथा धनराज बैद जैन कालेज के संयुक्त मंत्री हैं। आपके लघु भ्राता श्री उदय एल. मेहता भी अनेक सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाओं से सक्रियता से जुड़े हुए हैं। इनके अतिरिक्त आप अन्य अनेक शैक्षणिक, सामाजिक, औद्योगिक व व्यावसायिक संस्थाओं की समितियों के सदस्य हैं। एक युवा उद्यमी व श्रेष्ठ समाज सेवी के रूप में आपने काफी प्रतिष्ठा प्राप्त की है। आप श्री सुमन मुनि फाउंडेशन के मेनेजिंग ट्रस्टी हैं। सम्पर्क सूत्र६२, बर्किट रोड, टी.नगर, चेन्नई-६०० ०१७ श्री एल. सुदर्शनलाल जी श्री एल. सुदर्शनलालजी पीपाड़ा कुनूर के निवासी है। आपने वी.ए., एल.एल.वी. तक का उच्च कोटि का शिक्षण प्राप्त किया तथा वकालत के व्यवसाय में निरत हैं। आपके पिताजी श्रीमान् लालचन्दजी बड़े ही धर्म परायण सज्जन हैं और उनके द्वारा श्री सुदर्शनलालजी को धर्म के सुसंस्कार प्राप्त हुए। कुन्नूर में ही आपका ज्वेलरी का भी समृद्ध व्यवसाय है। आपका सामाजिक, धार्मिक व शैक्षणिक क्षेत्र की अनेक संस्थाओं से सक्रिय सम्बन्ध है। धर्मध्यान में आपकी विशेष अभिरुचि है। पूज्य गुरुदेव श्री सुमन मुनिजी महाराज के मेट्टपालयम चातुर्मास में आपने गुरुदेव के प्रति अपनी श्रद्धा भावना का परिचय दिया। आप सभी पधारने वाले साधु संतों का बड़ी भक्ति भावना से सम्मान करते हैं। आप स्वभाव से मिलनसार, उदार हृदय व नियमों के बहुत दृढ़ व्यक्ति हैं। बरलियार और कुन्नूर के मध्य में आपका कॉफी-चाय का एस्टेट है। वहाँ ठहरने की व्यवस्था है, साधु-साध्वी वृन्द को वहीं ठहराते हैं। यहाँ से कुन्नूर घाटी के भव्य दृश्य झरना, रेल, नीलगिरि वृक्ष आदि हरित घाटियां दिखाई देती हैं। सम्पर्क सूत्र"थिरूक्करल बिल्डर्स" ३३-ए, क्रोस बाजार, कुन्नूर, नीलगिरीज। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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